4 अक्टूबर को सवेरे यह दुःखद समाचार मिला कि हम सब के प्रिय, दीपक मित्तल जी प्रात: 7:30 बजे इस नश्वर संसार को अलविदा कह गये। ये क्षण दीपक जी के परिजनों के लिए दारुण कष्ट देने वाला है, तो उनके मित्रमंडल व परिचितों के लिए भी अति हृदय विदारक है।

दीपक मित्तल मृदुभाषी, हरदिल अजीज, व्यवहार कुशल सज्जन थे। किसी को भी यह गुमान तक नहीं था कि वे 66-67 वर्ष की आयु में ही हमसे बिछुड़ जायेंगे। काफी समय से मधुमेह (शुगर) से पीड़ित थे । 2-3 दिन बुखार आया तो बच्चे जिला अस्पताल इमरजेंसी में लाये। वहीं हृदयाघात हुआ और अल्पकाल में ही प्राणपखेरू उड़ गये। उनके परिवार में पत्नी, 2 पुत्र, एक पुत्री व पौत्र-दोहित्र आदि हैं। परिवार पूर्णतः संपन्न खुशहाल है किन्तु अचानक अपने के बिछ‌ड़‌ने का दुःख अति संवेदनकारी है।

दीपक मित्तल जी मुजफ्फरनगर नगरपालिका परिषद के पार्षद भी रहे थे। अब अधिकांश समय सनातन धर्म सभा को देने लगे थे। सभा के सभी कार्यों व सभा भवन के विस्तार एवं सौंदर्यकरण में समय लगाते थे। उनके पिता स्व.लाल सिंह (नल वालों) से पिताश्री स्व. राजरूप सिंह वर्मा (संपादक ‘देहात’) से घनिष्ट परिचय था। लालसिंह जी को ज्योतिष का भी अच्छा ज्ञान था। एक बार उन्होंने चौधरी चरणसिंह को कुछ बात बताई जो आगे चल कर सत्य सिद्ध हुई। चौधरी साहब के अलावा अन्य प्रमुख नेताओं से भी उनका संपर्क रहता था।

अक्सर जब मैं दीपक जी से मिलने उनकी दुकान पर जाता तो वे सनातन धर्म सभा भवन गये होते थे। एकबार मैं श्री सतीश बिंदल जी से मिलने गुप्ता प्रेस पहुंचा और कहा कि दीपक जी से मिल ही नहीं पा रहा हूँ। सतीश जी ने फोन किया तब भी सनातन धर्म सभा भवन गये हुए थे। उन्हें पता चला तो कुछ समय बाद ही गुप्ता प्रेस पहुंच गये। घंटों उनसे बातें होती रहीं। वे राष्ट्रवादी विचारों के व्यक्ति थे और भारतीय संस्कृति के पक्ष में पोस्ट डालते रहते थे।

दीपक मित्तल जी का अचानक चले जाना हृदय को सालता है। मेरी परमपिता परमात्मा से प्रार्थना है कि वे उनके परिजनों को यह दारुण कष्ट सहने की शक्ति और दीपक जी की आत्मा को शान्ति प्रदान करें। ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति: ॥

गोविन्द वर्मा
संपादक 'देहात'