हरियाणा विधानसभा चुनावों से पहले शेरों की तरह दहाड़ रहे फर्जी नेताओं की पोल खुलचुकी है। भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी चुनाव से पहले खूब गरज रहे थे। पिहोवा के चुनाव मैदान में उतरे और मात्र 1170 वोट ही हासिल कर पाये। अब कह रहे हैं कि हम तो कांग्रेज के लिए माहौल बना रहे थे । 37 सीटें कांग्रेस को हमारी वजह से मिलीं। कांग्रेस की लुटिया तो भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने डुबोई।

एक दूसरे आंदोलनजीवी हैं योगेन्द्र यादव। उत्तर प्रदेश के विस चुनाव के बाद बोले थे कि किसान आन्दोलन कराके हमने पिच तैयार कर दी थी अखिलेश यादव मुख्यमंत्री नहीं बने तो हम क्या करें। ये आंदोलनजीवी कांग्रेस का ढोल बजाने हरियाणा पहुंच गये। योगेन्द्र यादव का एक चुनाव पूर्व का वीडियो सामने आया है। यादव जी माइक पर खास अन्दाज में बोलते नजर आते हैं। बोले- मुझसे किसी ने पूछा, आप हरियाणा में हो कांग्रेस की कैसी स्थिति है? मैंने (यानी योगेन्द्र यादव) कहा- 'कांग्रेस की हवा चल रही है।' फिर उसका फोन आया तो मैंने बताया-अब कांग्रेस की आंधी चल रही है। तीसरे फोन पर कहा- 'अब हरियाणा में कांग्रेस की सुनामी चल रही है।'

एक तीसरे नेता हैं, उनका नाम लिखने की जरूरत नहीं। चढूनी और योगेन्द्र यादव से ज्यादा बड़ा नाम है। बार-बार हरियाणा जाकर खाप चौधरियों को कांग्रेस के पक्ष में लामबन्द किया। बिकाऊ मीडिया के एक्जिट पोल के नतीजों से बड़े उत्साहित थे। 2027 में योगी का बिस्तर गोल करने की भविष्यवाणी भी कर डाली। अब कह रहे हैं कि जनता ने भाजपा को वोट नहीं दिये तो ईवीएम उसे कैसे जिता रही है।

हरियाणा की जनता लठतंत्र को हरा लोकतंत्र को जिता चुकी है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार एक बार फिर ईवीएम की विश्वसनीयता को सन्देह विहीन ठहरा चुके हैं। झुठे,भ्रामक आरोपों के अलावा कांग्रेस व उसके पिछलग्गुओं के पास कोई जवाब नहीं। अलबत्ता आंदोलन‌जीवियों का धंधा बन्द ‌होने वाला नहीं क्यूंकि खाली डिब्बे, खाली बोतलें ज्यादा आवाजे निकालते हैं।

गोविन्द वर्मा