28 अगस्त को सुल्तानपुर के ठठेरी बाजार के सर्राफ भरत जी सोनी की दुकान पर दिनद‌हाड़े हथियारों के बल पर डेढ़ करोड़ रुपये के जेवरात व नकदी लूटने वाले एक लाख रुपये के इनामी बदमाश मंगेश यादव के एनकाउंटर पर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने मुठभेड़ को फर्जी बताते हुए पुलिस पर मंगेश की हत्या करने का आरोप मढ़ा है। अखिलेश ने कहा कि योगी आदित्यनाथ की पुलिस जाति देख कर एनकाउंटर करती है। अखिलेश ने कहा कि 2027 में जब उनकी सरकार बनेगी तब यूपी के सारे बुल्डोजर गोरखपुर (योगी जी के मठ) में घुसा देंगे।

अखिलेश के इस बयान के बाद समाजवादी पार्टी के नेता, सांसद व विधायक मुख्यमंत्री योगी पर जाति देख कर फर्जी एनकाउंटर कराने के आरोप लगाने में जुटे हैं। 6 सितम्बर को उत्तर प्रदेश विधान परिषद में सपा नेता लाल बिहारी यादव जौनपुर के ग्राम अगरौरा पहुंचे और मंगेश की मौत पर मातम पुर्शी की।

जौनपुर का शातिर अपराधी मंगेश यादव उर्फ कुंभे संगीन अपराधों में लिप्त था। सुल्तानपुर की डेढ़ करोड़ रुपये की डकैती में वांछित मंगेश उर्फ कुंभे को पुलिस तथा एसटीएफ ने 4 सितंबर को मिश्रपुर पुरैना के पास मुठभेड़ में ढेर कर दिया। बद‌माश मंगेश की कुंभे नाम की पहचान थी। मुठभेड़ में मरने के बाद उसके नाम के आगे यादव लगा कर प्रचार अभियान शुरू किया गया। लोग पूछ रहे हैं कि एक दुर्दान्त अपराधी की मौत पर अखिलेश और उनकी पार्टी के नेता क्यों भड़क रहे हैं? सपा प्रवक्ता टी.वी. पर आकर फर्जी मुठभेड़ का आरोप तो लगाते हैं, लेकिन जनता के इस सवाल का जवाब नहीं देते कि माफियाओं व असामाजिक तत्वों की मौत पर सपाई टसुवे क्यूं बहाते है, कब्रों पर जाकर फातिहा क्यूं पढ़ते हैं ?

गोविन्द वर्मा
संपादक 'देहात'