राजधानी दिल्ली के लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री के रूप में 12वीं बार राष्ट्र को संबोधन में नरेन्द्र मोदी ने 103 मिनट में वह सब कुछ कह दिया जो एक राष्ट्रनायक को कहना चाहिए था।
ऑपरेशन सिन्दूर के वीर जवानों को सैल्यूट करने से लेकर समृद्ध और सुरक्षित भारत के 10 वर्षीय सुरक्षा कवच के लिए मिशन सुदर्शन चक्र तक की बात प्रधानमंत्री ने भारत का अहित चाहने वालों को अच्छी तरह समझा दी।
भारत के नव निर्माण एवं सुरक्षा में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के 100 वर्ष के योगदान की भी याद दिलायी और घुसपैठियों के जरिये देश की डेमोग्राफी बदलने के षड्यन्त्रकारियों को भी कड़ी चेतावनी दे दी।
स्वाधीनता दिवस पर राष्ट्रपुरुष ने देशभक्तों, देशद्रोहियों, मित्रों व शत्रुओं को साफ़, स्पष्ट सन्देश दे दिया है। हर बाधा, हर परिस्थिति में भारत को 2047 तक विकसित भारत बनना है।
गोविंद वर्मा
संपादक ‘देहात’