देशहित भी, किसान हित भी !

भारत-पाकिस्तान युद्ध आरंभ होने से पूर्व उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से किसानों से संबंधित महत्वपूर्ण समाचार आया। भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के कार्यकर्ता अपनी ज्ज्वलंत मांगों की ओर शासन-प्रशासन का ध्यान आकर्षित करने के लिए लखनऊ पहुंचे। धरना प्रदर्शन के साथ ही राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मेन्द्र मलिक के नेतृत्व में गन्ना आयुक्त, कृषि एवं विद्युत विभाग आदि महकमों के वरिष्ठ अधिकारियों से मिला। शासन सूत्र चलाने वालों को शांतिपूर्ण तरीके से सौहार्दपूर्ण वातावरण में किसानों की दिन प्रतिदिन की परेशानियों एवं नीतिगत कठिनाइयों से अवगत कराया गया।

रचनात्मक तरीके से पेश की गई मांगों, सुझावों के अच्छे, परिणाम भी निकलते हैं। ध्यान आकर्षित करने के लिए धरना प्रदर्शन भी आवश्यक हो जाते हैं। बहरी-गूंगी-अंधी व्यवस्था में कभी-कभी इनकी भी जरूरत पड़ती है किन्तु गला दबा कर कोई बात नहीं मनवाई जा सकती। मुजफ्फरनगर के दो किसान संगठन भाकियू (अराजनैतिक) तथा पीजेंट वेलफेयर एसोसिएशन केन्द्र व राज्य सरकारों को समय-समय पर किसान हित से जुड़े मसलों पर सकारात्मक ढंग से सुझाव देते रहते हैं। कृषि उत्पादों के मूल्य तथा न्यूनतम समर्थन मूल्यों संबंधी बैठकों में राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मेन्द्र मलिक एवं पीजेंट एसोसिएशन के चेयरमैन अशोक बालियान सम्मिलित होकर किसानों उपयोगी सुझाव देते रहते हैं। श्री मलिक अपने हैंडल पर उर्वरकों, कीटनाशकों, बीजों तथा कृषि, बागबानी, पशुपालन से संबंधित पोस्ट डालकर किसान भाइयों का मार्गदर्शन करते हैं तो श्री बालियान भी फेसबुक पर लाभप्रद उपयोगी पोस्ट डालते हैं। उनकी छवि रोज़ रोज़ महापंचायत, और आर-पार की लड़‌ाई करने वालों से कहीं बेहतर है। सर्व समाज में इन कृषक प्रतिनिधियों की बातें गंभीरता से सुनी जाती हैं।

भाकियू (अ) से जुड़ी लखनऊ से एक अच्छी खबर और आई है। राष्ट्रीय संकट के दौर में किसान संगठन के राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मेन्द्र मलिक ने प्रमुख किसानों के साथ उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भेंट कर उन्हें किसानों की सहयोग राशि 51 लाख रुपये, 5000 यू‌निट रक्त व 2100 क्विंटल गेहूं भेंट किए। संकट की इस घड़ी में किसानों की राष्ट्रभक्ति का आदर्श उदाहरण पेश करता है। इसके लिए भाकियू (अ) सराहना की पात्र है।

गोविंद वर्मा
संपादक ‘देहात’

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