कुछ दिनों पूर्व मैंने लिखा था कि दुनिया का कोई शख्य नहीं बता सकता कि गांधी-नेहरू परिवार के दम्भ और हेकड़ी के लिये राहुल गांधी कहां तक गिर सकते हैं। निगम बोध घाट पर डॉ. मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार के बाद उनकी चिता की राख अभी ठंडी भी नहीं हो पाई थी कि राहुल और उनके भोंपू ने वितंडा खड़ा करने की बेशर्म कोशिश की। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने राहुल की इस घृणित हथकंडे बाजी की ठीक से पोल खोली है। केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में स्व. मनमोहन सिंह की स्मृति में स्मारक बनाने के फैसले के बाद भी राहुल और खरगे झूठ की डुगडुगी पीटने में जुटे हैं। यह नहीं कहा जा सकता कि कुछ तो शर्म करो। जब इनके पास शर्म है ही नहीं तो आएगी कैसे? राहुल की बेहूदगियां गांधी परिवार की छीछालेदर तो करायेंगी ही, मरने के बाद मनमोहन सिंह का छिद्रान्वेषण भी करायेंगी।
मनमोहन सिंह के विषय में ऐसी बाते बोलेंगे जिनसे उनकी कमजोरियां उजागर होगी। इसके लिए और कोई नहीं, राहुल ही जिम्मेदार होंगे।

गोविन्द वर्मा
संपादक 'देहात'