कर्नाटक में सत्ता में लौटने पर कांग्रेस क्या-क्या कर रही है इसका श्रेय वहां के कांग्रेसी मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को जाता है। पिछले भाजपा शासन में बेंगलुरु में हुए भयंकर उपद्रवों में शामिल दंगाइयों को बख्स देने के अलावा सिद्धारमैया ने सबसे बड़ा काम मुस्लिमों को पुनः आरक्षण प्रदान करने का किया। कांग्रेस के सत्ता में लौटते ही वहां राष्ट्र विरोधी जुनूनी साम्रदायिक तत्व फिर से सक्रिय हो उठे। राष्ट्रवादी विचारों के लोगों पर कातिलाना हमले शुरू हो गए। अपनी दुकान पर बैठे युवक को इसलिए मार डाला गया कि वह हनुमान चालीसा का पाठ कर रहा था।
8 मार्च, 2024 को कॉटनपेट में शिवा उर्फ़ वर्ट को 8 युवकों ने चाकू घोप कर मार डाला इस प्रकार की घटनाएं कर्नाटक में आये दिनों होने लगी है। बेंगलुरु के कैफे में आतंकी विस्फोट के मसले पर एनआईए गिरफ्तारियां करने में जुटा है। प्रशासनिक नाकामी से पूरा कर्नाटक त्रस्त है किन्तु मुख्यमंत्री सभी ज्ज्वलन्त मुद्दों पर लीपापोती करने में लगे रहते हैं।
अभी 24 मई को दावणगेरे जिले के चन्नागिरी शहर के पुलिस थाने में एक आरोपी की हिरासत में मृत्यु हो गई। उत्तेजित भीड़ ने थाने पर हमला बोल दिया, तोड़फोड़ की, अनेक वाहनों को फूंक डाला। मुख्यमंत्री ने इस घटना के लिए पुलिस को जुम्मेदार नहीं बताया बल्कि यह कहा कि मृतक को दौरे पड़ने की बीमारी थी और वह दौरा पड़ने से ही मरा है, पुलिस की पिटाई से नहीं। जनता के रोष व आलोचना से बचने के लिए पुलिस क्षेत्राधिकारी व एसएचओ को निलंबित भी कर दिया। इस प्रकार के कामों में सिद्धारमैया सिद्धहस्त हैं। वे कांग्रेस की, विशेषकर राहुल की बड़ी उपलब्धि हैं। ये वही सिद्धारमैया हैं जिन्होंने कहा था कि मैं बीफ (गौमांस) भी खा सकता हूँ।
गोविन्द वर्मा