भारत की बढ़ती आर्थिक शक्ति से घबराये पश्चिमी देशों में बैठे भारत विरोधियों ने देश के मसाला उद्योग पर सीधा प्रहार किया है। विश्व भर में मसाला उद्योग में भारत की बादशाहत है। भारत प्रतिवर्ष 80 हजार करोड़ रुपये का मसाला दुनिया के विभिन्न देशों में निर्यात करता है। लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद सिंगापुर सरकार ने भारतीय मसालों में एथीलीन ऑक्साइड होने का आरोप लगा कर एमडीएच व एवरेस्ट कम्पनियों द्वारा निर्मित मसालों की बिक्री रोक दी थी। 2 दिन बाद ही हांगकांग ने भारतीय मसालों पर प्रतिबंध लगा दिया। बाद में अमेरिका व आस्ट्रेलिया ने मसालों पर पाबंदी लगा दी। इन प्रतिबंधों के कारण 18 हजार करोड़ रुपये की हानि अब तक भारतीय मसाला उद्योग को पहुंच चुकी है।
पश्चिमी देशों ने पहले आरोप लगाया कि भारतीय मसाला कंपनियां एथीलीन का स्टेबलाइजर के रूप में इस्तेमाल कारती हैं, जिससे कैंसर हो जाता है। बाद में कहा गया कि भारत के किसान हल्दी, जीरा, लाल मिर्च, धनिया, अजवायन, मेथी, सौंफ, इलायची, जायफल, जावित्री, हींग व इमली की फसलों पर कीटनाशक के रूप में इतना एथिलीन ऑक्साइड का प्रयोग करते हैं कि कैंसर होने का खतरा 10 गुणा तक बढ़ गया है।
सेफ्टी एंड स्टैंडर्डस अथारिटी ऑफ इंडिया ने पश्चिमी देशों द्वारा उड़ाई जा रही अफ़वाहों व आरोपों का जोरदार खंडन किया है। ये अफवाहें भारत के विरुद्ध अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र है ताकि विश्व बाजार में चीन जैसे देश भारत को मसाला निर्यात में पछाड़ सकें।
भारतीय नेतृत्व को, विशेषकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं उनके सभी सहयोगियों को भांति-भांति के अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्रों का सामना करना पड़ रहा है। बड़ी परेशानी उन लोगों से है जो देश में बैठ कर भारत विरोधी तत्वों की दलाली खाकर घर को आग लगाने का कुत्सित प्रयास कर रहे हैं।
गोविन्द वर्मा