दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में अतिक्रमण हटाए जाने पर पूरे देश के एजेंडावादी, सेक्युलरवादी नेता, कथित निष्पक्ष पत्रकार और हंगामा ब्रिगेड ऐसी सक्रिय हुई कि हैदराबादी भड़काऊ भाईजान से लेकर देश के अमनो-अमान पर बिजलियाँ गिराने वाले बर्क साहब से लेकर देवबंदी नेता व इत्तेहाद ए मिल्लत कौंसिल के मौलाना तक नया महाभारत होने की धमकी दे रहें हैं। और तो और पाकिस्तान जा कर गलत बयानी करने वाले सलमान खुर्शीद की बासी कढ़ी में भी उबाल आ गया है।
लेकिन एजेंडा चलाने वाले ये लोग कांग्रेस शासित राजस्थान में हो रही खुराफातो पर मुँह पर ताला डालकर क्यों बैठे हैं? 13 जनवरी 2022 को नाबालिग बालिका को दरिंदे मरणासन्न स्थिति में अलवर में पुल पर डाल गए। "लड़की हूँ लड़ सकती हूँ" के नारे लगाने वाली प्रियंका या राहुल अथवा सचिन पायलट कोई भी अलवर नहीं पहुंचा। एजेंडा ब्रिगेड शांत।
नवरात्र पूजन व नव-संवत्सर की शोभा यात्रा पर करौली में कांग्रेसी षार्षद मतलूब के नेतृत्व में शोभा यात्रा पर हमला, आगजनी। एजेंडा बिर्गेड का मौनव्रत।
भरतपुर में हनुमान जन्मोत्सव पर भजन गाने की पुलिस की पाबन्दी, सेक्युलरवादी प्रचारतंत्र के मुँह पर ताले। भरतपुर के सेह ग्राम में अम्बेडकर जयंती मनाने वाले दलितों पर 14 अप्रैल को हमला। 9 दलित घायल। गहलोत व सचिन की आँख-कान बंद, भाईचारा मण्डली आज तक चुप।
और अब अलवर के राजगढ़ में 300 वर्ष पुराना शिवाला सहित 4 मंदिर तोड़े गए। मूर्तियों को खंडित किया गया, शिवलिंग को आरी से काटा गया, नाली में फेंका गया। तीनसो लोगों के मकान-दुकान तोड़े गए। कांग्रेस का विधायक जौहरी लाल मीना कह रहा हैं जैसा बोया हैं वैसा काटोगे। 34 षार्षद मेरे पास ले आओ, बुलडोज़र रुक जायेगा। देश का कथित निष्पक्ष मीडिया, एजेंडा चलाने वाले पत्रकार व सेक्युलरवादी नेता अंधे-बहरे हो गए।
चुरू की घटना पर भी सब मौन।
कोई आवाज़ उठाये तो उसे हिंदूवादी की गाली देंगे। पक्षपाती पत्रकारिता का खोखला आरोप मढ़ देंगे। इस दोगले चरित्र को देश के लोग धीरे-धीरे समझने लगे हैं। एजेंडावादियों की सबसे बड़ी परेशानी यही हैं कि फर्जी धर्म निरपेक्षता का नारा लगाकर राजनीतिक दुकानदारी चलाने वालो की पोल खुलने लगी हैं। हैरत हैं ये सब बांग्लादेश या पाकिस्तान में नहीं, भारत में हो रहा है।
गोविंद वर्मा
संपादक देहात