चुनाव आयोग ने बढ़ाई संसदीय और विधानसभा चुनावों में उम्मीदवारों के खर्च की सीमा

चुनाव आयोग ने चुनावों में खर्च की सीमा बढ़ा दी है. लोकसभा चुनावों में जिन राज्यों में अभी तक उम्मीदवार के लिए चुनावी खर्च की अधिकतम सीमा 70 लाख थी, अब उसको बढ़ाकर 95 लाख कर दिया गया है. वहीं जिस केंद्र शासित प्रदेश में यह सीमा 54 लाख रुपये थी, उसको बढ़ाकर 75 लाख किया गया है. 

वहीं विधानसभा चुनाव में जिस राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में सीमा 28 लाख थी उसको बढ़ाकर 40 लाख किया गया है. वहीं जिस राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में यह 20 लाख थी उस को बढ़ाकर 28 लाख किया गया है. इससे पहले साल 2014 और 2020 में यह बढ़ोतरी हुई थी.

चुनावी खर्चे को ध्यान में रखते हुए केंद्र चुनाव आयोग ने एक कमेटी का गठन किया था और यह बढ़ोतरी उसी कमेटी के सुझावों के आधार पर की गई है. यह बढ़ोतरी महंगाई दर को ध्यान में रखते हुए और राजनीतिक पार्टियों की मांग को ध्यान में रखते हुए की गई है. यह बढ़ोतरी आगामी विधानसभा चुनावों से ही लागू हो जाएगी.

दूसरी ओर चुनाव आयोग ने गुरुवार को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव एवं स्वास्थ्य विशेषज्ञों के साथ कोविड की स्थिति की समीक्षा की और पांच चुनावी राज्यों में सभी योग्य लोगों के टीकाकरण की जरूरत पर जोर दिया. इसके साथ ही आयोग ने चुनाव प्रचार व मतदान के दौरान किए जाने वाले सुरक्षा उपायों के संबंध में चिकित्सा विशेषज्ञों से सुझाव लिए.

आयोग ने एक अन्य बैठक में केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला के साथ पांच राज्यों- उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब और मणिपुर में कानून व्यवस्था की स्थिति पर भी विचार विमर्श किया. इन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं और आयोग के अगले कुछ दिनों में मतदान की तारीखों की घोषणा करने की उम्मीद है.

इससे पहले, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने 27 दिसंबर को निर्वाचन आयोग के साथ बैठक की थी. चर्चा के दौरान निर्वाचन आयोग ने सरकार से चुनाव वाले राज्यों में टीकाकरण कार्यक्रम को तेज करने के लिए कहा था.

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