मॉक पोल के दौरान ईवीएम में गड़बड़ी की खबर पर बोले चुनाव अधिकारी

लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण की वोटिंग संपन्न हो गई। हालांकि, चुनाव को देखते हुए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) पर राजनीति जारी है। कुछ जगह मॉक पोल के दौरान ईवीएम में गड़बड़ी पाने की खबरों पर केरल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि ईवीएम एक जांची परखी मशीन है और जो कुछ भी हुआ था वह एक प्रक्रियात्मक गलती थी। बता दें, केरल के कासरगोड में हुए मॉक पोल के दौरान ईवीएम में डाले गए वोट और वीवीपैट के पर्चियों की संख्या में भिन्नता पाई गई थी। जांच में भाजपा के पक्ष में एक वोट ज्यादा पाया गया था।विज्ञापन

ईवीएम एक जांची परखी मशीन
केरल के कारसगोड में बुधवार को एक मॉक पोल हुआ था। केरल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी संजय कौल ने कहा कि ईवीएम एक जांची परखी मशीन है। ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई हैं। जहां तक ईवीएम मशीन की सुरक्षा की बात है तो इसपर फैसला लिया गया है। यह एक ऐसी मशीन है, जो कहीं और से जुड़ी नहीं है। कासरगोड में जो हुआ वह मूल रूप से एक प्रक्रियात्मक गलती है।

ऐसे हुई गलती
उन्होंने आगे कहा कि जब हम चुनाव के लिए इन वोटिंग मशीनों को तैयार करते हैं तो मशीनों को चालू करने के रूप में हम उम्मीदवारों के नाम डालते हैं और हम मॉक पोल करते हैं। उन्होंने बताया कि कारसगोड में जो भी हुआ, उसकी जांच भारत इलेक्ट्रोनिक्स लिमिटेड द्वारा की जा रही है, जिसकी ये मशीने हैं। वे इस प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा कराना चाहते थे।

जब उन्होंने पहले टेस्ट बटन की जांच की तो पहले उम्मीदवार का नाम सामने आ गया। इस पर उन्होंने मशीनों को बंद कर दिया यह सोचकर कि सब सही है। वोटिंग मशीन पर उम्मीदवार का नामकरण वर्णमाला के अनुसार है। एक विशेष राजनीतिक दल था, जो कमल का प्रतीक है, वह पहला उम्मीदवार था। जब उन्होंने इस मशीन को कहीं और लगाता तो पहले वाला ही प्रिंट सामने आ गया।

सच क्या था यह जानने के बजाया फैलाईं झूठी खबरें
संजय कौल ने यह भी बताया कि यह वास्तव में क्या हुआ यह समझने के बजाय मतदान से पहले भ्रम पैदा करने के लिए मुद्दा उठाया गया था। उन्होंने कहा कि झूठी खबर फैलाई गई। सभी को सुनिश्चित करना होगा कि वोटिंग मशीन सुरक्षित हैं। कुछ नहीं होने वाला है। आप जो भी बटन दबाएंगे, वह केवल मशीनों में पंजीकृत होगा।
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ये खबरें झूठी
इससे पहले 18 अप्रैल को भारत के निर्वाचन आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में उन आरोपों को गलत बताया, जिसमें कहा गया था कि केरल के कासरगोड में हुए मॉक पोल के दौरान ईवीएम में डाले गए वोट और वीवीपैट के पर्चियों की संख्या में भिन्नता पाई गई थी। जांच में एक वोट ज्यादा पाया गया था। शीर्ष अदालत ईवीएम के जरिए डाले गए मतों का वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) से पूर्ण सत्यापन करने के लिए दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। एक स्वतंत्र वोट सत्यापन प्रणाली वीवीपीएपी, जो एक निर्वाचक को यह देखने में सक्षम बनाती है कि उसका वोट सही तरीके से डाला गया था या नहीं।

वरिष्ठ उप चुनाव आयुक्त नीतेश कुमार व्यास ने न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ को बताया, ‘ये खबरें झूठी हैं। हमने आरोपों की जांच जिला कलेक्टर से कराई और सामने आया कि यह झूठे आरोप थे। हम अदालत को विस्तृत रिपोर्ट सौंपेंगे।’

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