नुमाइश मैदान मेला: टेंडर की धनराशि जमा किए बिना चारों ठेकेदार गायब

मुजफ्फरनगर। नुमाइश मैदान में चल रहे मेेले को लेकर विवाद शुरू हो गया है। टेंडर की धनराशि जमा किए बिना चारों ठेकेदार गायब हो गए। प्रशासन ने मेला खत्म होने के बावजूद दुकानदारों को रोक लिया है। दुकानदारों का आरोप है कि वह ठेकेदारों को पूरी धनराशि दे चुके हैं, इसके बावजूद उन्हें गलत तरीके से रोका जा रहा है।
मंगलवार को नुमाइश ग्राउंड में पत्रकारों से बातचीत में झूला मालिक सुशील कुमार, फुरकान, सलमान और मोहम्मद रफी ने बताया कि प्रशासन का बकाया ठेकेदारों पर है, लेकिन मेला खत्म होने के बावजूद दुकानदारों और झूूला मालिकों को रोक लिया गया है। आरोप लगाया कि प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि वह बिना टेंडर की धनराशि जमा किए जाने नहीं दिया जाएगा।

गाजियाबाद से आए झूला मालिक सुशील कुमार का कहना है कि 30 नवंबर को मेले का टेंडर खत्म हो गया था, लेकिन उन्हें अब तक जाने नहीं दिया गया। वह यह भी नहीं जानते कि ठेकेदारों पर प्रशासन के कितने रुपये बकाया हैं। उन्होंने तो पूरा पैसा जमा कर दिया है। ठेकेदार यहां से चले गए हैं।
दूसरे झूले के मालिक फुरकान ने बताया कि वह अधिकारियों के पास शिकायत लेकर गए थे, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। उन्हें वहां से यह कहकर लौटा दिया कि पहले ठेकेदार को लेकर आओ। इस दौरान फैसल, सरवर, नौशाद, नासिर और भगत सिंह मौजूद रहे।

खाली होने लगी जेब, मुश्किल हुए हालात
दुकानदारों का कहना है कि उनके पास खाने-पीने के रुपये भी खत्म होने लगे हैं। सर्दी में वह परेशान हैं। उनके परिवार के सामने भी भूखो मरने की नौबत है। मोहम्मद रफी ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों से शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।

1.31 करोड़ रुपये में छूटा था ठेका
नुमाइश मैदान में 15 नवंबर से शुरू हुए मेेले का टेंडर करीब 1.31 करोड़ रुपये में छूटा था। 30 नवंबर को मेला समाप्त हो गया। बिजनौर के नगीना के ठेकेदार सुलेमान, मेरठ के ठेकेदार तेजपाल, सागर और इंद्र ने यह ठेका लिया था। मेला खत्म होते-होते ठेकेदार गायब हो गए। टेंडर की धनराशि जमा नहीं होने के कारण प्रशासन ने नुमाइश ग्राउंड पर पहुंचे दुकानदारों को मौके पर ही रोक लिया है।

इस तरह तय किया गया था कमीशन
झूले मालिक सुशील कुमार ने बताया कि उन्होंने तीन झूले लगाए थे। ठेकेदार से उनकी 40-60 प्रतिशत कमीशन पर बात हुई थी। यानि कमाई का 60 प्रतिशत ठेकेदार और 40 प्रतिशत उनका था। फुरकान ने बताया कि उन्होंने बड़ा झूला लगाया था। कमाई का 75 प्रतिशत ठेकेदार और 25 प्रतिशत उनका था। जबकि सलमान ने बताया कि उनकी 50-50 प्रतिशत पर बात हुई था। कमाई का आधा-आधा दोनों का तय था।

ठेेकेदार को जानता है प्रशासन
सिटी मजिस्ट्रेट अनूप कुमार का कहना है कि प्रशासन तो ठेकेदार को जानता है। ठेकेदार ही दुकानदारों को लेकर आए थे। ठेकेदार अगर रुपये जमा करता है तो प्रशासन किसी को भी नहीं रोक रहा है।

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