दिल्ली। जिला साइबर सेल की टीम ने हरिनगर इलाके में एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है, जहां से कॉलर अपने को अमरीकी अधिकारी बताकर अमरीका के लोगों को फोन करते थे। उनके खिलाफ विभाग में शिकायत मिलने और अवैध धंधों में संलिप्त होने के सबूत मिलने का डर बता उनसे लाखों रुपए ठगी किया करते थे। पुलिस ने कॉल सेंटर के दो संचालकों सहित 65 लोगों को गिरफ्तार किया है।
सेंटर से पुलिस को 58 कम्प्यूटर, 2 लैपटॉप, 1 इंटरनेट डिस्ट्रिब्यूशन स्वीच, इंटरनेट राउटर, 11 मोबाइल, टेलीकम्युनिकेशन सॉफ्टवेयर, बीओआईपी कॉलिंग डायलर व अन्य सामानों के साथ ही स्क्रीप्ट भी मिले हैं, जिसके आधार पर ठगी को अंजाम दिया जाता था। गिरफ्तार किए गए दोनों संचालक की पहचान लखन जगवानी (25) और विजेन्द्र सिंह रावत उर्फ विजय (41) ते रूप में हुई है।
भारत सरकार को लगा रहे थे करोड़ों का चूना
डीसीपी उर्विजा गोयल ने बताया कि जिला साइबर सेल की टीम को हरिनगर इलाके के फतेह नगर में एक फर्जी कॉल सेंटर खोल अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन ठगी रैकेट संचालन की सूचना मिली थी। पता चला था कि यहां से लोग वीओआईपी कॉलिंग के लिए इंटरनेशनल लंबी दूरी तक की जाने वाली कॉल को बाइपास कर भारत सरकार को करोड़ों का चूना लगा रहे हैं।
सूचना के आधार पर तत्काल एसीपी सुदेश रंगा की निगरानी में इंस्पेक्टर अरूण चौहान, एसआई अमित वर्मा, महेश कुमार, हेड कांस्टेबल विवेक कुमार, दातर, कांस्टेबल सुरेन्द्र, विकेन्द्र और महिला कांस्टेबल सुमन की टीम ने बताए गए स्थान पर छापेमारी की। जहां पुलिस की टीम ने पाया कि हाई प्रोफाइल तरीके से तैयार ऑफिस में बड़ी संख्या में युवक-युवतियां कंप्यूटर पर हेड फोन लगा अमरीकन एक्सेंट में बातें कर रहे हैं।
दो संचालक समेत 63 टेलीकॉलर गिरफ्तार
मौके पर टीम को कॉल सेंटर के दो संचालक मिले, जो उन्हें निर्देश दे रहे थे। पुलिस ने उन दोनों सहित 63 अन्य टेलीकॉलर को गिरफ्तार किया। पूछताछ करने पर पहले तो उन लोगों ने पुलिस को बरगलाने की कोशिश की, लेकिन पुलिस के सटीक सवालों के सामने उनकी असलियत सामने आ गई।
कॉल सेंटर में काम कर रहे 63 लोगों को मोटी सैलरी दी जा रही थी। साथ ही उन्हें ज्यादा से ज्यादा लोगों से ठगी करने पर अलग से इनसेंटिव भी दी जाती थी। ये लोग खुद को अमरीकी कस्टम विभाग, बॉर्डर प्रोटेक्शन विभाग, ड्रग्स एनफोर्समेंट एजेंसी, एफबीआई, ट्रेशरी ऑफिस समेत अमरीका के विभिन्न विभागों का सरकारी अधिकारी बताते थे।
अमरीकियों को कॉल कर बोलते थे झूठ
अमरीकियों को कॉल कर उनके खिलाफ झूठी शिकायत मिलने और उसमें कानूनी कार्रवाई से बचाने के एवज में मोटी रकम वसूल रहे थे। पुलिस की जांच में सामने आया है कि आरोपी वीओआईपी कॉलिंग के लिए अवैध तकनीक अपना रहे थे। उन्होंने वैध लीगल इंटरनेशनल डिस्टेंस (आईएलडी) को बाइपास किया था। जिससे वह केन्द्र सरकार को भी करोड़ों का चूना लगा रहे थे। आरोपियों ने विदेश में लोगों से बात करने के लिए अपना ही एक सिस्टम बना लिया था।