वॉशिंगटन। भारत पर 25% टैरिफ और जुर्माना लगाने की घोषणा के बाद अमेरिका ने एक और बड़ा फैसला लिया है। ईरान से तेल और पेट्रोकेमिकल उत्पादों की खरीद के आरोप में अमेरिका ने छह भारतीय कंपनियों को प्रतिबंधित सूची में डाल दिया है। यह कदम अमेरिका द्वारा ईरान पर आर्थिक दबाव बढ़ाने की रणनीति के तहत उठाया गया है। इन भारतीय कंपनियों समेत कुल 20 वैश्विक कंपनियों को अमेरिकी प्रतिबंधों के उल्लंघन का दोषी माना गया है।
ईरानी उत्पादों की खरीद पर उठी कार्रवाई
अमेरिकी विदेश विभाग ने बुधवार को जारी अपने बयान में कहा कि इन कंपनियों ने ईरानी पेट्रोलियम उत्पादों की खरीद और विपणन से जुड़े ऐसे महत्वपूर्ण लेन-देन किए हैं जो अमेरिका द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों का उल्लंघन करते हैं। बयान में यह भी कहा गया कि ईरानी शासन इस राजस्व का इस्तेमाल विदेशी आतंकी संगठनों की फंडिंग और देश के भीतर दमनकारी गतिविधियों में करता है, जिसे रोकने के लिए यह कार्रवाई की गई है।
जिन भारतीय कंपनियों पर लगे हैं प्रतिबंध
इन छह भारतीय कंपनियों को अमेरिका के कार्यकारी आदेश 13846 के तहत ‘ब्लॉक्ड एंटिटी’ घोषित किया गया है। इसका तात्पर्य है कि इन कंपनियों की अमेरिका में मौजूद संपत्ति जब्त की जा सकती है और अमेरिकी संस्थाएं इनके साथ किसी तरह का लेनदेन नहीं कर सकेंगी। ये कंपनियां हैं:
- कंचन पॉलीमर्स
- अल्केमिकल सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड
- रमनिकलाल एस. गोसालिया एंड कंपनी
- जुपिटर डाई केम प्राइवेट लिमिटेड
- ग्लोबल इंडस्ट्रियल केमिकल्स लिमिटेड
- पर्सिस्टेंट पेट्रोकेम प्राइवेट लिमिटेड
ईरान पर लगातार कड़े होते कदम
गौरतलब है कि अमेरिका 2015 में ईरान परमाणु समझौते से अलग होने के बाद से ईरान के ऊर्जा और वित्तीय क्षेत्रों पर चरणबद्ध तरीके से प्रतिबंध लगाता आ रहा है। कार्यकारी आदेश 13846 इसी नीति का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य ईरान के तेल से होने वाली आय को सीमित करना है।
भारत-अमेरिका संबंधों में संभावित तनाव
प्रतिबंधों की यह घोषणा ऐसे समय में आई है जब अमेरिका ने भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ और रूस से रक्षा व ऊर्जा खरीद को लेकर दंडात्मक उपायों की बात कही है। दो दिनों में लिए गए इन फैसलों को दोनों देशों के व्यापारिक रिश्तों में बढ़ते तनाव के संकेत के रूप में देखा जा रहा है। भारत सरकार की ओर से फिलहाल इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।