नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार गुरुवार सुबह म्यांमार में भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 4.4 दर्ज की गई। भूकंप का केंद्र 26.07 डिग्री उत्तर अक्षांश और 97.00 डिग्री पूर्व देशांतर पर स्थित था, जबकि इसकी गहराई करीब 100 किलोमीटर बताई गई है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, इस भूकंप से किसी तरह के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है।
भूवैज्ञानिक विशेषज्ञों के मुताबिक म्यांमार भूकंप के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्र में आता है। यह देश भारतीय, यूरेशियन, सुंडा और बर्मा—चार प्रमुख टेक्टोनिक प्लेटों के संगम क्षेत्र में स्थित है। इन प्लेटों की निरंतर हलचल के कारण यहां मध्यम से तेज तीव्रता के भूकंप आते रहते हैं।
हाल के दिनों में लगातार दर्ज हो रहे हैं झटके
नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के अनुसार म्यांमार में बीते कुछ दिनों से भूकंपीय गतिविधियां बनी हुई हैं। इससे पहले 11 दिसंबर को 3.8 तीव्रता का भूकंप आया था, जबकि 10 दिसंबर को इसी क्षेत्र में 138 किलोमीटर की गहराई पर 4.6 तीव्रता के झटके दर्ज किए गए थे।
गौरतलब है कि इसी वर्ष 28 मार्च को मध्य म्यांमार में 7.7 और 6.4 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप आए थे। इसके बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने प्रभावित इलाकों में विस्थापित लोगों के बीच स्वास्थ्य संबंधी जोखिम बढ़ने की चेतावनी जारी की थी।
विशेषज्ञ बताते हैं कि म्यांमार से होकर गुजरने वाली करीब 1,400 किलोमीटर लंबी ट्रांसफॉर्म फॉल्ट लाइन अंडमान स्प्रेडिंग सेंटर को सागाइंग फॉल्ट से जोड़ती है। यह फॉल्ट सागाइंग, मांडले, बागो और यांगून जैसे प्रमुख शहरों के लिए भूकंपीय खतरा बढ़ाती है। हालांकि यांगून फॉल्ट लाइन से कुछ दूरी पर स्थित है, लेकिन अधिक जनसंख्या घनत्व के कारण जोखिम बना रहता है।