पाकिस्तान इन दिनों आर्थिक तंगी से जूझ रहा है, अपने आर्थिक हालातों को दुरुस्त करने के लिए आईएमएफ का मुंह देख रहा है लेकिन वहां से भी उसे कोई मदद नहीं मिल पा रही है। लेकिन अब बारिश ने पाकिस्तान पर कहर बरपाया है। पाकिस्तान के पंजाब में मूसलाधार बारिश ने 30 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है, जिसमें लगभग 11 लोगों की जान चली गई है।
एक स्थानीय रिपोर्ट के मुताबिक, लाहौर में बुधवार को 10 घंटे के भीतर 290 मिमी से अधिक बारिश हुई। चारों तरफ भयंकर जाम और गलियां जाम हो गई। लाहौर के आयुक्त मोहम्मद अली रंधावा ने कहा कि महानगर में 291 मिमी बारिश हुई, इस दौरान एक दर्जन से अधिक क्षेत्रों में 200 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की गई।
रंधावा ने कहा कि इतनी भयंकर बारिश का कारण जलवायु परिवर्तन है, इस साल की शुरुआत में, 26 जून को लाहौर में अधिकतम 256 मिमी बारिश हुई थी, जबकि पिछले साल लाहौर में 238 मिमी बारिश दर्ज की गई थी। लाहौर में छत और दीवार गिरने की दो अलग-अलग घटनाओं में गुरुवार को 10 साल से कम उम्र के तीन बच्चों सहित करीब चार लोगों की मौत हो गई और 15 अन्य घायल हो गए।
बुधवार को भारी बारिश के कारण सात लोगों की मौत हो गई, जिसमें तीन लोगों की बिजली गिरने से, तीन की छत गिरने से और एक बच्चे की बारिश का पानी जमा होने से डूबने से मौत हो गई। इस बीच, पाकिस्तान मौसम विज्ञान विभाग (पीएमडी) ने 6-8 जुलाई तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है, जिससे शहरी बाढ़ आ सकती है और देश के विभिन्न हिस्सों में भूस्खलन हो सकता है।
पाकिस्तान मौसम विज्ञान विभाग (पीएमडी) ने बताया कि आने वाले दो दिनों में भारी बारिश के कारण इस्लामाबाद, रावलपिंडी, अटक, गुजरांवाला, लाहौर, सियालकोट, मुल्तान और डेरा इस्माइल खान के निचले इलाकों में भारी जलभराव हो सकता है। साथ ही आगे चेतावनी दी कि भारी बारिश से मुरी, गैलियात, कश्मीर, गिलगित बाल्टिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा के पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन आ सकता है।