‘ये यहूदी विरोधी फैसला’, अरेस्ट वारंट जारी होने पर भड़के नेतन्याहू

अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (आईसीसी) ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और पूर्व रक्षा मंत्री योआव गैलेंट के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने गाजा में नागरिको को निशाना बनाया और भुखमरी की नीतियां लागू की है।इसके जवाब में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का बयान सामने आया है, उन्होंने एक बयान में आईसीसी के “यहूदी विरोधी” फैसले की निंदा की और इसकी तुलना कुख्यात ड्रेफस मुकदमे से की। नेतन्याहू ने एक्स हैंडल पर एक वीडियो पोस्ट किया, वीडियो में लिखा था, ”हेग में अंतरराष्ट्रीय अदालत का यहूदी विरोधी फैसला एक आधुनिक ड्रेफस मुकदमा है और यह उस तरह की खत्म होगा।

‘जानबूझकर नागरिकों को बनाया जा रहा निशाना’

नेतन्याहू ने अपनी स्थिति और 130 साल पहले फ्रांसीसी यहूदी अधिकारी अल्फ्रेड ड्रेफस के खिलाफ झूठे देशद्रोह के आरोपों के बीच समानताएं निकालीं। ड्रेफस का बचाव करने वाले एमिल जोला के प्रसिद्ध निबंध जे’एक्यूज का जिक्र करते हुए नेतन्याहू ने कहा, “अब हेग में एक अंतरराष्ट्रीय अदालत, जिसकी अध्यक्षता एक फ्रांसीसी न्यायाधीश भी कर रहे हैं, इस अपमानजनक अपराध को दोहरा रही है। यह मुझ पर और पूर्व रक्षा मंत्री योव गैलेंट पर झूठा आरोप लगा रही है। जानबूझकर नागरिकों को निशाना बनाया जा रहा है।”

उन्होंने गाजा में इजरायल की सैन्य कार्रवाइयों का बचाव किया और दावा किया कि नागरिक हताहतों को कम करने के लिए लागू किए गए उपाय आवश्यक थे।

भुखमरी नीति पर क्या बोले नेतन्याहू?

नेतन्याहू ने कहा, “हम गाजा के नागरिकों को नुकसान के रास्ते से हटने की चेतावनी देने के लिए लाखों टेक्स्ट संदेश, फोन कॉल और पत्रक जारी करते हैं। इसके साथ ही नेतन्याहू ने भुखमरी नीति लागू करने के आरोपों को खारिज कर दिया, इस बात पर प्रकाश डाला कि इजराइल ने गाजा को 700,000 टन भोजन की आपूर्ति की थी। उन्होंने कहा, “हमने गाजा के लोगों को खिलाने के लिए गाजा को 700,000 टन भोजन उपलब्ध कराया है। गाजा में प्रत्येक पुरुष, महिला और बच्चे के लिए यह 3,200 कैलोरी है।”

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