वाशिंगटन। अमेरिका ने टैरिफ डेडलाइन को लेकर व्यापार जगत को राहत देते हुए 9 जुलाई की समय-सीमा को बढ़ाकर 1 अगस्त कर दिया है। व्हाइट हाउस ने सोमवार को यह जानकारी साझा की और बताया कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जल्द ही इस संबंध में कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करेंगे। यह निर्णय उन देशों के लिए राहत भरा माना जा रहा है, जो इस समय अमेरिका के साथ व्यापार समझौतों पर बातचीत कर रहे हैं।

बातचीत की अवधि को अनौपचारिक रूप से बढ़ाया गया

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने जानकारी दी कि टैरिफ में यह देरी अप्रैल में घोषित 90 दिनों की बातचीत अवधि को अनौपचारिक रूप से तीन सप्ताह और बढ़ा देती है। यह अवधि "लिबरेशन डे" के दिन शुरू हुई थी, जब राष्ट्रपति ट्रंप ने बड़े पैमाने पर टैरिफ योजनाओं की घोषणा की थी।

प्रशासन के अनुसार, आने वाले दिनों में 12 देशों को औपचारिक नोटिफिकेशन लेटर भेजे जाएंगे, जिनमें उन्हें प्रस्तावित टैरिफ दरों की जानकारी दी जाएगी। ये पत्र राष्ट्रपति ट्रंप के ट्रुथ सोशल अकाउंट पर सार्वजनिक रूप से भी साझा किए जाएंगे।

जापान और दक्षिण कोरिया पर 25% टैरिफ की घोषणा

इस बीच, राष्ट्रपति ट्रंप ने जापान और दक्षिण कोरिया से आने वाले आयात पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की है, जो 1 अगस्त से प्रभावी होंगे। उन्होंने संबंधित देशों के राष्ट्रप्रमुखों को पत्र भेजकर यह निर्णय सूचित किया और साथ ही चेतावनी दी कि यदि वे प्रतिशोधस्वरूप कोई टैरिफ बढ़ाते हैं, तो वह अमेरिका की दरों में अतिरिक्त रूप से जोड़ दिया जाएगा।

अभी तक दो ही व्यापार समझौते

हालांकि प्रशासन की ओर से 90 दिनों में 90 डील करने की बात कही गई थी, लेकिन अब तक केवल वियतनाम और यूनाइटेड किंगडम के साथ दो व्यापार समझौतों की घोषणा हुई है। वियतनाम डील का उद्देश्य चीन द्वारा वियतनामी सप्लाई चेन के ज़रिए अमेरिकी टैरिफ से बचाव को रोकना है, जबकि यूके समझौते में सीमित रियायतों के साथ कोटा आधारित छूट का प्रावधान शामिल है।

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