भ्रष्टाचार की गंगोत्री !

10 अक्टूबर को जिला विकास समन्वय तथा निगरानी समिति की बैठक में हुए विचार-विमर्श के दौरान यह असलियत खुलकर सामने आ गई कि जिले के प्रायः सभी विभाग, जिनका आमजन से सीधा वास्ता है, गले तक भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं। इससे अधिक हैरानी और परेशानी की बात क्या हो सकती है कि बैठक की अध्यक्षता कर रहे केन्द्रीय राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान को कहना पड़ा कि बिजली के छापों में दोषियों को 2000-2000 रुपये की रिश्वत ले कर छोड़ा जाता है।

बैठक में यह भी खुली शिकायत सामने आई कि बिजली विभग के अधिकारी जन प्रतिनिधियों की अवहेलना करते हैं और एक किसान संगठन के दबाव में काम करते हैं। यह भी कहा गया कि सामाजिक वानकी विभाग लूट का अड्डा बन चुका है और प्रति वृक्ष की दर से रिश्वत ले कर पेड़ कटवाये जा रहे है। कलस्टर आवंटन में भी डकैती की बात एक विधायक ने कहीं।

दिशा की बैठक में जिला अधिकारी उपस्थित होते ही हैं। उनके सामने भ्रष्टाचार की गंगोत्री बहने की बातें सामने उठीं। प्रश्न है यह स्थिति क्यूं आई और यह रुके कैसे, दोषियों को दंड कौन देगा? इन प्रश्नों का उत्तर जिम्मेदार लोगों को देना ही होगा।

गोविंद वर्मा
संपादक ‘देहात’

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