बिलासपुर में मिला 1करोड़ रुपए का गांजा

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर पुलिस ने शुक्रवार देर रात एक शातिर गांजा तस्कर को गिरफ्तार किया है। वह बकायदा कोविड-19 में एक अस्पताल कर्मचारी के लिए ड्यूटी कर रहा था। वह कार भी उसी कर्मचारी की है। पुलिस ने उसके खंडहरनुमान मकान से करीब एक करोड़ रुपए का गांजा बरामद किया है। खास बात यह है कि उस मकान के बाहर भी होम्योपैथिक डॉक्टर का बोर्ड लगा था। मामला तखतपुर थाना क्षेत्र का है।

पूछताछ में हरीश ने पुलिस को बताया कि कार उसकी बहन की है। वह एक प्राइवेट अस्पताल में कर्मचारी है।

जानकारी के मुताबिक, देर रात पुलिस को सूचना मिली कि एक गांजा तस्कर स्विफ्ट कार में घूम रहा है। इसके बाद पुलिस ने पीछा शुरू किया और देवरी खमरिया के पास घेराबंदी कर पकड़ लिया। जांच के दौरान पता चला कि कार चालक मोपका निवासी हरीश साहू गांजा तस्कर है। वह साल 2016 में भी पकड़ा जा चुका था। कार की तलाशी में कुछ नहीं मिला, लेकिन तस्करी से तार पुराने जुड़े होने के कारण पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया।

सुबह मकान में छापा मारा तो मिला गांजे का भंडार
पूछताछ के दौरान जानकारी सामने आने पर पुलिस ने शनिवार सुबह तखतपुर पॉलिटेक्लिक कॉलेज के पास ग्राम खपरी में एक खंडहरनुमान मकान पर छापा मारा। इस मकान से पुलिस को 24 बोरी और अलग-अलग बैग में 9 क्विंटल गांजा बरामद हुआ है। यह मकान आरोपी हरीश साहू का ही है। इसे उसने दो साल पहले खरीदा था। पुलिस का कहना है कि मकान में गांजा होने की सूचना मिली थी, लेकिन किसका था यह स्पष्ट नहीं था।

अस्पताल में कर्मचारी बहन की कार, छोड़ने और लेने जाता था
पूछताछ में हरीश ने पुलिस को बताया कि कार उसकी बहन की है। वह एक प्राइवेट अस्पताल में कर्मचारी है। कार पर स्काई हॉस्पिटल बिलासपुर इमरजेंसी कोविड-19 सेवा लिखा हुआ था। इस कार का इस्तेमाल वह अपनी बहन को अस्पताल छोड़ने और लाने के लिए करता था। इसके बाद कार उसी के पास रहती थी। वहीं पुलिस ने जिस मकान से गांजा बरामद किया है, उसके बाहर होम्योपैथिक डॉक्टर का बोर्ड लगा था।

सब्जी की पिकअप में ओडिशा से लाता था गांजा
तखतपुर SDOP रश्मित कौर चावला ने बताया कि कार के आधार पर अस्पताल प्रबंधन और उसकी बहन से भी पूछताछ की जाएगी। अभी तक पता चला है कि वह ओडिशा से सब्जियों के साथ पिकअप में गांजा लेकर आता था। उन्होंने बताया कि यह क्षेत्र का सबसे बड़ा गांजा डीलर है। इस मकान में गांजा भरा है, इसकी जानकारी थी। यह भी आशंका थी कि मकान हरीश का ही है, लेकिन वह स्वीकार नहीं कर रहा था। फिर पूछताछ के दौरान स्वीकार कर लिया।

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