गूगल प्ले स्टोर पर भारतीय ऐप्स की वापसी हो गई है. दरअसल, गूगल ने सर्विस फीस अदा ना करने पर कुछ इंडियन ऐप्स को प्ले स्टोर से हटा दिया था. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गूगल प्ले स्टोर से ऐप्स हटाने की कार्रवाई को गलत बताया. उन्होंने सोमवार को गूगल और प्रभावित ऐप डेवलपर्स की एक मीटिंग बुलाई है. इससे पहले गूगल ने प्ले स्टोर की सर्विस फीस की पेमेंट ना करने पर 10 इंडियन ऐप्स को प्ले स्टोर से हटाने की कार्रवाई शुरू की थी.
यह मामला काफी गरमा गया, और इस कदम को लेकर गूगल की काफी आलोचना हुई. ऐप डी-लिस्टिंग के मुद्दे पर सरकार को हस्तक्षेप करना पड़ा तब जाकर गूगल बैकफुट पर आई. अब सभी इंडियन ऐप्स की गूगल प्ले स्टोर पर वापसी हो गई है.
गूगल जिन ऐप्स को हटाने वाली थी उनमें नौकरी डॉट कॉम, शादी डॉट कॉम, 99 एकड़ डॉट कॉम जैसे पॉपुलर ऐप्स शामिल हैं. गूगल का कहना था कि इन ऐप डेवलपर्स ने उसकी गाइडलाइंस को नहीं माना है, इसलिए ऐप्स हटाने की कार्रवाई की जा रही है.
गूगल का कदम गलत- अश्विनी वैष्णव
यूनियन इलेक्ट्रॉनिक्स और इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने गूगल के इस कदम को गलत ठहराया. पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा कि भारत की पॉलिसी बहुत साफ है. हमारे स्टार्टअप्स को वही सुरक्षा मिलेगी जिसकी उन्हें जरूरत है. इस तरह की डी-लिस्टिंग की इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती है.
IT मिनिस्टर ने बुलाई मीटिंग
ANI के अनुसार, यूनियन IT मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने गूगल और डी-लिस्टिंग से प्रभावित ऐप डेवलपर्स को मीटिंग के लिए बुलाया है. यह मीटिंग सोमवार को होनी है. सरकार के सख्त तेवर के बाद गूगल ने डी-लिस्ट वाले सभी ऐप्स को गूगल प्ले स्टोर पर रीस्टोर कर दिया है.
इन ऐप्स पर था खतरा
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गूगल ने गूगल प्ले स्टोर की पेमेंट पॉलिसी को अपडेट किया है. हालांकि, कई इंडियन ऐप डेवलपर्स ने इसकी सर्विस फीस अदा नहीं की है. इससे परेशान होकर गूगल ने 1 मार्च को एक ब्लॉग पोस्ट में भारतीय ऐप डेवलपर्स पर कार्रवाई करने की बात कही थी. हालांकि, कंपनी ने किसी खास ऐप का नाम नहीं लिया था.
गूगल 10 इंडियन ऐप्स को प्ले स्टोर से हटाने वाली थी. इनमें शादी डॉट कॉम, क्वैक क्वैक, स्टेज, इंफोएज के मालिकाना हक वाले ऐप जैसे नौकरी डॉट कॉम, और 99 एकड़ डॉट कॉम जैसे पॉपुलर ऐप्स शामिल थे.
भारतीय स्टार्टअप और गूगल के बीच सर्विस फीस को लेकर विवाद है. गूगल अपने प्ले स्टोर पर इन-ऐप पर्चेज और प्ले स्टोर से ऐप डाउनलोड के लिए 26 फीसदी तक सर्विस फीस लेती है. स्टार्टअप्स का मानना है कि ये फीस काफी ज्यादा है.