यूपी में वकीलों को रोजगार देगी सरकार, 5000 नोटरी अधिवक्ताओं की नियुक्ति की तैयारी

उत्तर प्रदेश में 5000 नोटरी अधिवक्ता रखे जाएंगे। केंद्र सरकार के विधि एवं न्याय मंत्रालय ने इसके सैद्धांतिक सहमति दे दी है। भर्ती इंटरव्यू के जरिए होगी। हर जिले से इसके लिए आवेदन मांगे जाएंगे। उत्तर प्रदेश में वर्तमान में केवल नोटरियों के पदों की संख्या 2625 है जबकि राज्य की आबादी 23 करोड़ से ज्यादा हो गई है। नोटरी की तादाद कम होने के कारण वादकारियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। असल में वर्षों से नोटरी के पद नहीं बढ़े जबकि जिलों की संख्या 75 हो गई। यही नहीं, विभिन्न प्रकार की अदालतें भी गठित हो गईं। इनमें फास्ट ट्रैक कोर्ट, परिवारिक अदालतें आदि भी बाद में बनाई गईं। मुकदमों की बढ़ती संख्या के चलते नोटरी अधिवक्ताओं का काम बहुत बढ़ गया।

यूपी के न्याय मंत्री बृजेश पाठक ने केंद्रीय  विधि व न्याय मंत्री किरेन रिजिजू से दिल्ली में मुलाकात की और उन्हें इस समस्या से अवगत कराया। केंद्रीय मंत्री को बताया गया कि नोटरी पदों में बढ़ोतरी से बड़ी संख्या में नए अधिवक्ताओं को नोटरी संबंधी विधि व्यवसाय में रोजगार मिलेगा। साथ ही पहले से कम संख्या में काम कर रहे नोटरी अधिवक्ताओं पर भार कम होगा। यूपी सरकार ने पहले भी कई बार नोटरी पद बढ़ाने का अनुरोध केंद्र सरकार से किया है। सियासी नजरिए से भी यूपी सरकार का यह कदम अहम है। विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा इसके जरिए नए अधिवक्ताओं को लुभाना चाहती है। 

नोटरी अधिवक्ताओं के पद के लिए  विधि स्नातक व वकालत के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी होगा। चरित्र प्रमाण पत्र भी आवश्यक होगा। नियम शर्तें तय कर पहले ऑनलाइन आवेदन मांगे जाएंगे। इसके बाद जिलों में आवेदकों से इंटरव्यू लेकर उनका चयन किया जाएगा। खास बात यह कि इसमें सरकार के खजाने पर कोई अतिरिक्त व्यय भार भी नहीं आएगा। 

यूपी के न्याय मंत्री बृजेश पाठक ने बताया, सैद्धांतिक रूप से इस पर सहमति हो गई है। नोटरी के नए पद भर जाने से राज्य में नोटरी के 7625 पद हो जाएंगे। इन पदों पर नए अधिवक्ताओं की नियुक्ति से जनसमस्याओं के निराकरण में मदद मिलेगी। चयन का काम जल्द शुरू होगा।  

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