केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तिरुवनंतपुरम से भाजपा उम्मीदवार राजीव चंद्रशेखर की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान भारत की आर्थिक वृद्धि की गति पर विश्वास जताया। सीतारमण ने लगातार तीन तिमाहियों में 8 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर का हवाला देते हुए कहा कि हम आगे भी विकास दर को बनाए रख सकते हैं। उन्होंने कहा कि तीसरी तिमाही में उल्लेखनीय 8.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
वित्त मंत्री ने कहा कि तमाम परेशानियों के बाद अर्थव्यवस्था इस स्तर पर पहुंची है, तो हमें विश्वास है कि हम विकास की गति को बनाए रख सकते हैं। प्रत्येक राज्य को इसमें सक्रिय रूप से भाग लेने की आवश्यकता है। यह भारत का विकास है, न कि केवल एक पार्टी या राज्य का। उन्होंने कहा कि इस बात की संभावना है कि वित्तीय वर्ष 2024 के लिए विकास दर आठ प्रतिशत के आसपास रह सकती है। हालांकि, अभी से ऐसा दावा करना जल्दबाजी होगी, आंकड़े सामने आने पर ही हम आश्वस्त हो सकते हैं।
आर्थिक विस्तार को आगे बढ़ाने में मध्यम वर्ग की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालते हुए, सीतारमण ने क्रय शक्ति को बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने 2030 तक अनुमानित 70 करोड़ लोगों के साथ मध्यम वर्ग की आबादी में उल्लेखनीय वृद्धि का अनुमान लगाया, जो 2047 तक बढ़कर 100 करोड़ हो जाएगा।
सीतारमण ने भारत में आर्थिक गतिविधियों और सेवा क्षेत्र के विकास की व्यापक संभावनाओं को रेखांकित किया, इन अवसरों को भुनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। वित्त मंत्री ने कहा, “मध्यम वर्ग के हाथों में क्रय शक्ति बरकरार है और मांग बढ़ने के परिणामस्वरूप, 2030 तक हमारे पास मध्यम वर्ग में 70 करोड़ लोग होंगे और 2047 तक यह संख्या 100 करोड़ हो जाएगी। सीतारमण ने दोहराया कि भारत में विकास के लिए विशाल क्षमता है। उन्होंने इसे बनाए रखने के लिए ठोस प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया।