हापुड़ जनपद के धौलाना तहसील में तैनात निलंबित लेखपाल सुभाष मीणा ने बुधवार को आत्महत्या का प्रयास कर लिया। उन्होंने तहसील परिसर में जहरीला पदार्थ खा लिया, जिसके बाद उन्हें तुरंत रामा अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालत गंभीर होने पर उन्हें गाजियाबाद के एक निजी अस्पताल में रेफर किया गया।
घटना की सूचना मिलते ही जिले भर के लेखपाल अस्पताल में जुट गए और कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। शाम को सभी प्रदर्शनकारी जिला मुख्यालय पहुंचे और धरना शुरू किया, जो एडीएम संदीप कुमार के आश्वासन पर समाप्त हुआ। लेखपालों का प्रतिनिधिमंडल गुरुवार सुबह डीएम से मुलाकात करेगा।
तनाव में थे सुभाष मीणा
लेखपाल के चालक शाहिद के मुताबिक, सुबह से ही सुभाष मीणा तनाव में नजर आ रहे थे। वह घर से निकलने के बाद रास्ते में एक मेडिकल स्टोर से दवा भी लेकर आए थे। तहसील परिसर में अधिकारियों से मुलाकात के बाद उन्होंने जहरीला पदार्थ खा लिया। इसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई और आनन-फानन उन्हें अस्पताल ले जाया गया।
विरोध में लेखपालों का धरना, अनियमितताओं का आरोप
घटना के बाद लेखपालों में आक्रोश फैल गया। उन्होंने आरोप लगाया कि सुभाष मीणा पर एक साथ चार हलकों का कार्यभार था—पिलखुवा, डहाना, सपनावत और सिरोधन। कार्य का अत्यधिक दबाव, शिकायतें और अधिकारियों का व्यवहार उन्हें मानसिक रूप से तोड़ रहा था। संघ का कहना है कि सुभाष पर जून में डहाना गांव के किसान द्वारा खसरा-खतौनी की नकल के बदले अतिरिक्त पैसे मांगने का आरोप लगा था, जिसके चलते तत्काल प्रभाव से निलंबन हुआ।
लेखपाल संघ का आरोप है कि शिकायतकर्ता ने समझौते के बदले 5 लाख रुपये की मांग भी की थी और विभागीय स्तर पर सुभाष को कोई सहयोग नहीं मिला। उनके निजी सहायक पर भी प्राथमिकी दर्ज हो चुकी थी।
जांच में जुटी पुलिस व फॉरेंसिक टीम
घटनास्थल पर फॉरेंसिक टीम ने जांच कर जहरीले पदार्थ के नमूने एकत्र किए। सीओ अनीता सिंह के नेतृत्व में पूरी कार्रवाई की गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए भारी पुलिस बल भी मौके पर तैनात किया गया था।
सरकार ने लिया संज्ञान
सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री कार्यालय ने घटना पर संज्ञान लेते हुए मेरठ मंडलायुक्त और डीआईजी को जांच सौंपने के निर्देश दिए हैं, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि फिलहाल नहीं हुई है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया:
एडीएम संदीप कुमार ने बताया कि सुभाष मीणा को कुछ अनियमितताओं के चलते निलंबित किया गया था। उन्हें आरोप पत्र भी सौंपा गया था, जिसका जवाब अभी तक प्राप्त नहीं हुआ है। जहरीला पदार्थ खाने की जानकारी मिलते ही प्रशासन ने तत्परता दिखाई और उनका इलाज कराया जा रहा है। शिकायतकर्ता से जुड़े आरोपों की पुष्टि अभी नहीं हो पाई है।