हरियाणा विस उप-चुनाव: करनाल से मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का नाम घोषित

हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी पूरी तरह से चुनावी मैदान में उतर चुकी है। प्रदेश में भाजपा ने सबसे पहले लोकसभा के दस प्रत्याशियों के नाम घोषित किए, अब साथ ही मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को भी करनाल विधानसभा से उप-चुनाव मैदान में उतार दिया है। फिलहाल नायब सिंह सैनी कुरुक्षेत्र लोकसभा से सांसद हैं। उनके लिए पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने करनाल विधानसभा से इस्तीफा दिया था। 

बिन विधायक बने छह महीने बने रह सकते हैं सीएम, मनोहर लाल ने छोड़ी सीट
नायब सिंह सैनी बिना विधानसभा सदन के सदस्य बने 6 महीने मुख्यमंत्री के पद पर रह सकते हैं। ऐसे में 11 सितंबर से पहले या तो उन्हें किसी सीट से चुनाव लड़कर विधायक बनना होगा या फिर सीएम का पद छोड़ना होगा। इसी के चलते पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सीट छोड़ दी थी और विधायकी से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद यहां नायब सिंह सैनी का नाम पहले से ही तय था, जिसकी अब घोषणा कर दी है। 

अगर वे चुनाव नहीं लड़ते तो एक विकल्प यह होता कि मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दें और फिर दोबारा शपथ ग्रहण करें या फिर किसी और को शपथ दिलाई जाए। विधानसभा भंग कर समय से पहले चुनाव कराना भी संभव थे। हरियाणा की मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 2 नवंबर 2024 तक है।

मनोहर लाल करनाल लोकसभा से प्रत्याशी
इसके अलावा अगर भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल को लोकसभा चुनाव में उतार दिया है। यहां से पहले संजय भाटिया सांसद हैं। वहीं अब नायब सिंह को उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी बना दिया गया है।

BJP gave ticket to CM Nayab Singh Saini from Karnal Lok Sabha

पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा। – फोटो : इंटरनेटनायब सिंह सैनी हरियाणा के 11वें मुख्यमंत्री बन गए हैं। इसी के साथ वें हरियाणा के ऐसे तीसरे मुख्यमंत्री बने हैं जो विधानसभा सदन के सदस्य नहीं हैं। सांसद के पद पर रहते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली है। उनसे पहले पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत बंसीलाल और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी संसद के सदस्य रहते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री बने थे। 

रेलवे मंत्री रहते बंसीलाल बने थे मुख्यमंत्री
हरियाणा में पहली बार सांसद रहते मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल बने थे। वह देश के रेलवे मंत्री थे। उन्होंने 5 जुन 1986 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। उसके बाद तोशाम सीट से उन्होंने बेटे सुरेंद्र सिंह की सीट खाली करवाकर उपचुनाव लड़ा और एकतरफा जीत हासिल की। इस उपचुनाव में कांग्रेस नेता बंसीलाल को 81298 मत मिले थे, जबकि दूसरे नंबर पर निर्दलीय आर. सरूप को मात्र 479 मत ही हासिल हुए थे। उनका यह कार्यकाल 19 जुन 1987 तक चला था। 

भूपेंद्र सिंह हुड्डा 2005 में बने थे सांसद रहते मुख्यमंत्री 
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा 5 मार्च 2005 में जब मुख्यमंत्री बने तो वह रोहतक लोकसभा से सांसद थे। उसके बाद किलोई विधानसभा से श्रीकृष्ण हुड्डा ने उनके लिए सीट छोड़ी और भूपेंद्र सिंह हुड्डा आसानी से उपचुनाव जीत गए। लोकसभा की सीट खाली होने पर दीपेंद्र हुड्डा की एंट्री देश की राजनीति में हुई और अपनी पारंपरिक सीट पर उन्होंने उपचुनाव में 355074 वोट प्राप्त किए। जबकी भाजपा से अभिमन्यू को 123116 मत प्राप्त हुए।

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