हरियाणा प्रदेश ने विकास की दृष्टि से अग्रणी राज्यों में पूरे देश में अगल पहचान बनाई है। अब विकसित भारत सपना नहीं है बल्कि लक्ष्य है। यही धरा गीता की जन्म स्थली है, जहां से पूरी दुनिया को ज्ञान का प्रकाश मिल रहा है। पवित्र ग्रंथ गीता में दिया गया संदेश आज भी पूरी मानवता के लिए प्रासंगिक है। यह विचार उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने व्यक्त किए। वे रविवार को धर्मनगरी पहुंचे थे, जहां अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव सहित कई कार्यक्रमों में शरीक हुए। उनके साथ राज्यपाल भंडारू दत्तात्रेय व मुख्यमंत्री नायब सैनी भी रहे।
उपराष्ट्रपति सबसे पहले प्रदेश के एकमात्र शक्तिपीठ देवी कूप मां श्री भद्रकाली पहुंचे जहां धर्मपत्नी डॉ. सुदेश धनखड़ के साथ पूजा-अर्चना की और पीठाधीश पंडित सतपाल शर्मा ने परंपरा अनुसार मंत्रौच्चारण के बीच पूजा की रस्म अदा करवाई। इसके उपरांत उपराष्ट्रपति गीता महोत्सव में पवित्र ब्रह्मसरोवर के पुरुषोत्तमपुरा बाग में पहुंचे और उपराष्ट्रपति ने अपनी माता स्वर्गीय केसरी देवी की याद में कदंब और उनकी धर्मपत्नी सुदेश धनखड़ ने अपनी माता स्वर्गीय भगवती देवी की याद में रूद्राक्ष का पौधा रोपित किया।
उपराष्ट्रपति ने इस दौरान कहा कि इसे जन आंदोलन बनाना होगा। अधिकारी से लेकर कर्मचारी, यहां तक कि ग्राम पंचायतों की भागीदारी भी सुनिश्चित करनी होगी। हर किसी को अपनी मां के नाम एक पेड़ जरूर लगाना चाहिए, तभी यह धरा बच पाएगी। इससे पहले उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और उनकी धर्मपत्नी सुदेश धनखड़, राज्यपाल बंडारु दत्तात्रे, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज का हरियाणा प्रदेश की राज्य स्तरीय प्रदर्शनी पर पूर्व राज्यमंत्री सुभाष सुधा, उपायुक्त नेहा सिंह, केडीबी सीईओ पंकज सेतिया, केडीबी के मानद सचिव उपेंद्र सिंघल, जिला परिषद की चेयरमैन कंवलजीत कौर ने स्वागत किया।
उपराष्ट्रपति ने राज्यस्तरीय प्रगतिशील हरियाणा प्रदर्शनी, विभिन्न विभागों के स्टॉल व हरियाणा पैवेलियन का अवलोकन किया। यहां पर हरियाणा ग्रामीण आजीविका मिशन के स्टॉल पर सेल्फ हेल्प ग्रुप के सदस्यों ने उनका अंगवस्त्र भेंट कर स्वागत किया। इसी दौरान उपराष्ट्रपति ने राज्यपाल, मुख्यमंत्री के अलावा पूर्व राज्यमंत्री सुभाष सुधा, मुख्यमंत्री के ओएसडी भारत भूषण भारती, भाजपा जिलाध्यक्ष सुशील राणा, चेयरमैन धर्मवीर मिर्जापुर, चेयरमैन धुमन सिंह किरमच, मानद सचिव उपेंद्र सिंघल, 48 कोस तीर्थ निगरानी कमेटी के चेयरमैन मदन मोहन छाबड़ा के साथ श्रीकृष्ण अर्जुन रथ के समीप सामूहिक चित्र भी बनवाया।