नेपाल में जेन-जेड समूह के नेतृत्व में दो दिन चले सरकार विरोधी हिंसक प्रदर्शन में 25 लोगों की मौत हो गई, जबकि 600 से अधिक लोग घायल हुए हैं। यह जानकारी पुलिस और अधिकारियों ने बुधवार को दी।
अधिकारियों के अनुसार, संसद भवन के सामने विरोध प्रदर्शन के दौरान सुरक्षा बलों की गोलीबारी में 19 प्रदर्शनकारी मारे गए, जिनमें अधिकांश युवक शामिल थे। काठमांडू के कोटेश्वर इलाके में भीड़ के हमले में तीन पुलिसकर्मी मारे गए। इसके अलावा कालीमाटी थाने में पुलिस और प्रदर्शनकारियों की झड़प में तीन और प्रदर्शनकारी घायल हुए।
नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा और उनकी पत्नी व विदेश मंत्री आरजू राणा देउबा भी प्रदर्शनकारियों के हमले में घायल हो गए। उनका अस्पताल में उपचार चल रहा है।
हिंसा रोकने के लिए नेपाल सेना ने देशव्यापी प्रतिबंधात्मक आदेश और कर्फ्यू लागू किया। यह कदम प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के एक दिन बाद उठाया गया।
राजनीतिक संकट के बीच नेपाल में कई भारतीय नागरिक फंसे हुए हैं। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने काठमांडू हवाई अड्डे पर फंसे 30 कन्नड़ भाषी नागरिकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने लगभग 200 तेलुगू नागरिकों की मदद के लिए नई दिल्ली में आपातकालीन सेल शुरू किया। राजस्थान, पश्चिम बंगाल और गुजरात की राज्य सरकारें भी नागरिकों की सुरक्षित वापसी के प्रयास कर रही हैं।
भारत के विदेश मंत्रालय ने काठमांडू स्थित दूतावास के आपातकालीन संपर्क नंबर जारी किए हैं: +977-980 860 2881 और +977-981 032 6134 (दोनों व्हाट्सएप कॉल पर भी उपलब्ध)।