इलेक्टोरल बॉन्ड न होता तो पैसे का स्रोत पता ही नहीं चलता: पीएम मोदी

देश में चल रहे चुनावी मौसम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यूज एजेंसी एएनआई को एक साक्षात्कार दिया है। इसमें उन्होंने केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग, चुनावी बॉन्ड, राम मंदिर आदि को लेकर विपक्ष के आरोपों पर जवाब दिया। इसके साथ ही पीएम ने 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के अपने विचार पर भी बात की। पढ़ें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साक्षात्कार की बड़ी बातें…

चुनावी बॉन्ड पर झूठ फैला रहा विपक्ष
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि चुनावी बॉन्ड पर विपक्ष लगातार झूठ फैला रहा है। जबकि जांच एजेंसियों की कार्यवाही में यह बात सामने आई है कि 16 बड़ी कंपनियों ने जो चंदा दिया, उसमें से केवल 37 फीसदी राशि भाजपा को मिली और 63 फीसदी विपक्षी दलों के खाते में गई। उन्होंने कहा, चुनाव में खर्च होता ही होता है। सभी पार्टियां करती हैं, इससे कोई इन्कार नहीं कर सकता। मैं चाहता था कि हम एक कोशिश करें कि काले धन से चुनाव को मुक्ति कैसे मिले। चुनावी बॉन्ड इसी इरादे से लाया गया था।

चुनावी बॉन्ड पर रोक लगाने के संदर्भ में प्रधानमंत्री ने कहा कि यदि इलेक्टोरल बॉन्ड नहीं होते तो किस व्यवस्था में ताकत है कि वो ढूंढ के निकालते कि पैसा कहां से आया और कहां गया? आज हमने देश को पूरी तरह से कालेधन की ओर धकेल दिया है इसीलिए मैं यह कहता हूं कि अगर ईमानदारी से सोचेंगे तो हर किसी को इसका पछतावा होगा।

ईडी का काम बेहतरीन, किसी को डरने की जरूरत नहीं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंटरव्यू में केंद्रीय एजेंसियों जैसे ईडी की कार्यशैली को लेकर विपक्ष के आरोपों का भी जवाब दिया। पीएम ने कहा, ‘ईडी आज के समय में बेहतरीन काम कर रही हैं। एक ईमानदार आदमी को किसी से डरने की जरूरत नहीं है। पर जो भ्रष्टाचार से घिरे हैं, उनमें पाप का डर होता है।’ पीएम ने आगे कहा, “आज कितने विपक्ष के नेता जेल में हैं। मुझे कोई नहीं बताता। और क्या ये वही विपक्षी नेता हैं, जो सरकारें चलाते थे? ये पाप का डर है। आखिर एक ईमानदार व्यक्ति को किस बात का डर? जब मैं मुख्यमंत्री था, तब उन्होंने मेरे गृह मंत्री को जेल में डाल दिया था। देश को समझना होगा कि राजनीतिक नेताओं पर ईडी के सिर्फ तीन फीसदी केस ही हैं। 97 फीसदी मामले उन लोगों पर हैं, जो राजनीति से नहीं जुड़े हैं।”

चुनाव आयोग को लेकर कांग्रेस पर तंज
 इस दौरान एक सवाल के जवाब में पीएम ने चुनाव आयोग के पहले की हालत को लेकर कांग्रेस पर तंज कसा। पीएम ने कहा कि पहले जो लोग एक परिवार के करीबी होते थे, सिर्फ उन्हें ही चुनाव आयुक्त बनाया जाता था और उन्हें बाद में राज्यसभा या अन्य मंत्रालय भेज दिया था। पीएम ने तंज कसते हुए कहा कि लेकिन हम (भाजपा) उस स्तर का काम नहीं कर सकते। भाजपा सरकार चुनाव आयोग में बदलाव के लिए कानून लाई। 

तीसरे कार्यकाल की योजना पहले से बना रहा
अपने तीसरे कार्यकाल पर प्रधानमंत्री ने कहा कि इसकी तैयारी उन्होंने दो साल पहले ही शुरू कर दी थी। वह अगले 100 दिन की कार्ययोजना बनाकर ही मैदान में उतरे हैं। उन्होंने कहा कि मुझे अभी बहुत कुछ करना बाकी है। क्योंकि मैं देख रहा हूं कि मेरे देश की कितनी जरूरतें हैं, मैं हर परिवार के सपनों को कैसे पूरा करूं, इसीलिए मैं कहता हूं कि यह एक ट्रेलर है।
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विकसित भारत के विजन पर बीते-दो तीन सालों से कर रहा काम
इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के अपने विजन पर बात की। पीएम ने कहा कि मैं बीते दो-तीन सालों से इस विजन 2047 पर काम कर रहा हूं। इसके लिए मैनें देश भर के लोगों से राय और सुझाव मांगे हैं। मैंने देश के 15 लाख लोगों से उनके सुझाव लिए हैं कि वे अगले 25 सालों में भारत को कैसे देखना चाह रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए मैनें देश के विश्वविद्यालयों, विभिन्न एनजीओ से संपर्क किया है। लोगों के इनपुट के बाद मैनें एआई की मदद ली और इसके लिए एक टीम बनाई है। इसमें हर विभाग के अधिकारी शामिल हैं।  

राम मंदिर पर राजनीति किसने की
राम मंदिर के मुद्दे पर पीएम मोदी ने सवाल उठाया, इसका राजनीतिकरण किसने किया? उन्होंने कहा, वोट बैंक की राजनीति के लिए इसे हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया गया और बार-बार भड़काया गया।…उनके (विपक्ष) लिए यह एक राजनीतिक हथियार था…अब राम मंदिर बन गया तो उनके हाथ से यह मुद्दा ही चला गया है। 

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