यूएनएससी में पारित एक और प्रस्ताव से भारत ने बनाई दूरी

रूस-यूक्रेन जंग के बीच भारत ने यूएनएससी में पारित एक और प्रस्ताव से दूरी बना ली है। दरअसल, यूक्रेन की ओर से जैविक हथियारों के इस्तेमाल को लेकर बड़ा दावा किया गया था। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में रूस ने दावा किया था कि अमेरिका की मदद से यूक्रेनी सैनिक जैविक हथियारों का इस्तेमाल कर रहे हैं। 

रूस ने इस मामले में यूएनएससी से जांच की मांग करते हुए प्रस्ताव पारित किया था। कहा गया था कि यूक्रेन की प्रयोगशालाओं में जैविक हथियारों के इस्तेमाल की जांच के लिए एक आयोग गठित किया जाए। हालांकि, रूस के इस मसौदे से भारत ने खुद पूरी तरह से दूर कर लिया है। 

रूस को मिला बस चीन का रूस 
रूस के इस प्रस्ताव पर यूएएनसी में वोटिंग कराई गई, जिसमें रूस को सिर्फ चीन का साथ मिला। वहीं अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया। भारत समेत अन्य देशों ने इस वोटिंग में भाग नहीं लिया।

15 सदस्यीय आयोग के गठन की थी मांग 
रूस ने पिछले सप्ताह आरोप लगाया गया कि यूक्रेन में जैविक हथियारों का इस्तेमाल अमेरिकी रक्षा मंत्रालय की मदद से हो रहा है। रूस ने मांग की थी कि दावों की जांच के लिए परिषद के 15 सदस्यों वाले एक आयोग का गठन किया जाए। संयुक्त राष्ट्र में रूस के राजदूत वसीली नेबेंजिया ने पिछले सप्ताह कहा था कि रूस अपने इन आरोपों की संयुक्त राष्ट्र से जांच कराने को तैयार है कि दोनों देश जैविक हथियारों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने वाले समझौते का उल्लंघन कर रहे हैं।

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