म्यांमार में फंसे उन 283 भारतीय नागरिकों को बचाकर भारत वापस लाया गया है जिन्हें आकर्षक नौकरियों का लालच देकर साइबर अपराध करने के लिए मजबूर किया था. विदेश मंत्रालय (एमईए) ने बताया कि म्यांमा और थाईलैंड स्थित भारतीय दूतावासों ने स्थानीय अधिकारियों के साथ समन्वय करके सोमवार को थाईलैंड के माई सोत से भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के विमान के जरिए भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की है.

मंत्रालय ने कहा कि भारत आकर्षक नौकरियों की फर्जी पेशकश करके म्यांमा सहित विभिन्न दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में ले जाए गए अपने नागरिकों की रिहाई और स्वदेश वापसी के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है.

उसने कहा, ‘‘इन लोगों को बाद में म्यांमा-थाईलैंड सीमा से लगे क्षेत्रों में संचालित घोटाला केंद्रों में साइबर अपराध और धोखाधड़ी की अन्य गतिविधियों में शामिल होने के लिए मजबूर किया गया.’’

म्यावड्डी में घोटाले के परिसरों में फंसे 6 और भारतीय नागरिक सोमवार को भारत वापस भेजे जाने के लिए स्थानीय पुलिस स्टेशन पहुंचे थे. जुलाई 2024 से अब तक 101 भारतीयों को भारत वापस भेजा जा चुका है. म्यांमार में भारतीय दूतावास ने एक्स पर कहा कि हम मिशन से परामर्श किए बिना क्षेत्र में नौकरी की पेशकश के खिलाफ अपनी सलाह दोहराते हैं.


थाईलैंड-म्यांमार सीमांत क्षेत्र में टेलीकॉम धोखा की घटना पर चीन की चिंता

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन च्येन ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रपति शी चिनफिंग, प्रधानमंत्री ली छ्यांग और एनपीसी अध्यक्ष चाओ लेची ने अलग-अलग तौर पर थाई प्रधानमंत्री पेटओनगटर्न शिनावात्रा के साथ वार्ता की, जिसमें एक मुद्दा इंटरनेट जुआ और टेलीकॉम धोखाधड़ी पर प्रहार करना शामिल रहा.

प्रवक्ता ने कहा कि फिलहाल थाईलैंड-म्यांमार सीमांत क्षेत्र में जो गंभीर इंटरनेट जुआ और टेलीकॉम धोखा घटनाएं पैदा हुईं, उससे चीन और थाईलैंड समेत संबंधित देशों के नागरिकों के जानमाल की सुरक्षा पर हानि पहुंची है और इस क्षेत्र के देशों की सामान्य आवाजाही व सहयोग प्रभावित हुआ. चीन, थाईलैंड, म्यांमार आदि देशों के साथ सक्रिय द्विपक्षीय व बहुपक्षीय सहयोग कर इंटरनेट जुआ और टेलीकॉम धोखा खत्म कर रहा है.