सोमवार रात मुंबई के घाटकोपर में पंतनगर के लक्ष्मी नगर इलाके में एमिरेट्स की एक फ्लाइट के टकराने से 36 फ्लेमिंगो की मौत हो गई. मुंबई खाड़ी में आने वाले फ्लेमिंगो पक्षी प्रेमियों के लिए आकर्षण की जगह है. वन विभाग ने मृत फ्लेमिंगो को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. पक्षियों के टकराने से विमान की लैंडिग पर कोई असर नहीं पड़ा. पायलट विमान को सुरक्षित लैंड कराने में कामयाब रहा.

इलाके में और भी घायल फ्लेमिंगो की तलाश की जा रही है. मुख्य वन संरक्षक (मैंग्रोव संरक्षण सेल) एसवाई रामा राव ने कहा कि उन्हें हवाई अड्डे पर पहले जाने की अनुमति नहीं दी. अतिरिक्त मुख्य वन संरक्षक को स्थानीय निवासियों ने फोन करके घटना की जानकारी दी. घटना रात 8.40 से 8.50 बजे के बीच होने की सूचना है.

बिजली लाइन बनने से पक्षियों को नुकसान

पर्यावरणविद् का कहना है कि पक्षियों के हवाई जहाज में उड़ने का कारण आदि की जांच की जा रही है. एक्सपर्ट का कहना है कि सैंक्चुयरी के आस पास नए पॉवर लाइन्स बनने की वजह से पक्षियों के लिए भटकाव का कारण बन रही हैं. इसकी अनुमति कभी नहीं दी जानी चाहिए थी. पहले सैंक्चुयरी के अंदर या आस पास बिजली लाइनों की अनुमति नहीं थी. लेकिन अब वाइल्डलाइफ बोर्ड ने चुपचाप बिजली कंपनी के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. इसके अलावा ठाणे क्रीक वाइल्डलाइफ सैंक्चुयरी पर बुलडोज़र चला दिया गया और टावर खड़े कर दिए गए.

हादसे को लेकर शक क्यों?

पर्यावरणविद् ने ये भी दावा किया कि यह भी संभव है कि CIDCO यानी City and Industrial Development Corporation, जिसने नवी मुंबई हवाईअड्डे पर पक्षियों के टकराने के खतरे की थ्योरी शुरू की थी, उसका इस दुर्घटना से कोई कनेक्शन हो. एनआरआई कॉम्प्लेक्स क्षेत्र और टीएस चाणक्य झीलों में फ्लेमिंगो का घर हैं. पिछले महीने से वहां पक्षियों को परेशान करने और जलाशयों को निर्माण कार्य में लाने का प्रयास किया जा रहा है. अगर किसी ने या कुछ लोगों ने रात में पक्षियों को भगाने का काम किया होगा तभी इन फ्लेमिंगो ने ठाणे क्रीक की ओर उड़ने की कोशिश होगी और इस दौरान दुर्घटना का शिकार हो गए.