आरजी कर मेडिकल कॉलेज को लेकर बयानबाजी करना टीएमसी नेता शांतनु सेन को भारी पड़ गया है। दरअसल टीएमसी ने शांतनु सेन को पार्टी प्रवक्ता के पद से हटा दिया है। पार्टी के इस फैसले पर शांतनु सेन की प्रतिक्रिया भी सामने आई है और उन्होंने कहा कि वह टीएमसी के साथ थे और आगे भी टीएमसी के साथ ही रहेंगे। 

शांतनु सेन ने दी सफाई
शांतनु सेना ने कहा कि मीडिया के माध्यम से 'मुझे पता चला है कि पार्टी ने मुझे पार्टी प्रवक्ता पद से हटा दिया है। मैं ये कहना चाहता हूं कि मैंने टीएमसी की सभी लड़ाइयों में बतौर सिपाही काम किया है और आज भी मैं उसी तरह काम कर रहा हूं। मैं दो बातें कहना चाहूंगा कि जब भी मैंने जो भी बयान दिया, उसमें मैंने न तो पार्टी के खिलाफ और न ही किसी नेता के खिलाफ कुछ कहा। मैं अब भी वही कहूंगा, जो मैंने पहले कहा था कि स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी खबरें सीएम ममता बनर्जी और स्वास्थ्य मंत्री तक सही तरीके से नहीं पहुंचाई जाती हैं।' 

शांतनु सेन ने कहा कि 'जब दूसरी पार्टियों के नेता हमारे साथ जुड़ते हैं या दूसरी पार्टियों के जीते हुए उम्मीदवार हमारे साथ जुड़ते हैं और उन्हें सम्मान दिया जाता है तो बुरा लगता है, लेकिन पार्टी के एक समर्पित और सच्चे सिपाही को यह सब झेलना पड़ता है। मैं टीएमसी के साथ था और टीएमसी के साथ ही रहूंगा।'

किस बयान पर हुई कार्रवाई
शांतनु सेन ने अपने हालिया एक बयान में आरजी कर अस्पताल पर सवाल खड़े किए थे। उन्होंने कहा था कि 'मैं असमंजस में हूं कि अपनी बेटी को आरजी कर में नाइट ड्यूटी पर भेजूं या नहीं। मैं एक पूर्व आरजी कर हूं और मेरी बेटी भी वहीं पढ़ती है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में आरजी कर में चिकित्सा शिक्षा में गिरावट आई है।'

आरजी कर मेडिकल कॉलेज में बीते दिनों नाइट ड्यूटी पर एक डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी। इसे लेकर कोलकाता समेत पूरे बंगाल में हंगामा जारी है और सरकार बैकफुट पर है। यही वजह है कि अपनी ही पार्टी के प्रवक्ता के बयान ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को नाराज कर दिया है।