मूसलाधार बारिश के चलते पहाड़ी राज्यों हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में तबाही जारी है। हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति में दारचा-शिंकुला मार्ग पर शुक्रवार देर रात बादल फटने से नाले में बाढ़ आ गई। इससे सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के दो पुल बह गए, लेकिन जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ। तीन दिन पहले बादल फटने से आई बाढ़ में लापता 45 लोगों की तलाश अभी जारी है। वहीं, उत्तराखंड में केदारनाथ के रास्ते में अभी भी 1300 लोग फंसे हुए हैं, जिनमें से 450 लोग केदारनाथ धाम में हैं। हालांकि, सभी लोग सुरक्षित बताए गए हैं और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम तेजी के साथ चल रहा है।
हिमाचल के केलांग से मिली सूचना के मुताबिक, बादल फटने की घटना दारचा से करीब 16 किलोमीटर दूर सामने आई। बीआरओ के अधिकारियों ने बताया कि क्षतिग्रस्त पुलों को बनाने में कम से कम तीन दिन लग जाएंगे। पिछले दिनों बादल फटने के बाद मलाणा गांव का संपर्क कटने से 35 सैलानी फंसे हुए हैं। उन्हें चंद्रखणी से निकालने की तैयारी की जा रहा है। प्रदेश में 9 अगस्त तक मौसम खराब रहने का पूर्वानुमान है। 114 सड़कें, 163 बिजली ट्रांसफार्मर और 100 पेयजल योजनाएं ठप पड़ी हैं।
लापता लोगों का अब तक सुराग नहीं
तीन दिन पहले बादल फटने की घटनाओं में रामपुर के समेज, बागीपुल और मंडी के राजबन में लापता 46 लोगों का शनिवार को भी कोई सुराग नहीं लग पाया। समेज में सबसे ज्यादा 36 लोग लापता हैं। राजबन में पांच और पांच लोग बागीपुल में लापता हैं। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना, पुलिस और होमगार्ड के कुल 400 से अधिक जवानों के साथ लापता लोगों के परिजन और स्थानीय लोग सर्च ऑपरेशन में जुटे हैं। अब ड्रोन और मशीनरी का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। अभी तक सात लोगों के शव बादल फटने की घटनाओं के बाद बरामद किए जा चुके हैं। बादल फटने से आई बाढ़ के कारण समेज, बागीपुल और जाओं स्कूल में मलबा और पत्थर भर गए हैं। इन स्कूलों को सात अगस्त तक बंद रखने का निर्देश जारी किया गया है।
50 लोगों के मरने की आशंका
राज्य के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि विनाशकारी बादल फटने के बाद प्रभावित क्षेत्रों में लगभग 50 लोगों के मरने की आशंका है और आधिकारिक पुष्टि और बचाव कार्य पूरा होने के बाद ही आधिकारिक संख्या घोषित की जा सकती है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता जल्द से जल्द शवों को ढूंढना और संपर्क बहाल करना है, क्योंकि अचानक आई बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों का दायरा बहुत फैला है।
निगुलसरी में गिरीं चट्टाने, छह घंटे बाधित रहा एनएच-पांच
जनजातीय जिला किन्नौर के निगुलसरी में नेशनल हाईवे-5 पर लगातार भूस्खलन के कारण सफर जानलेवा बना हुआ है। निगुलसरी सेक्टर 26 में शनिवार सुबह 5:00 बजे पहाड़ी से भूस्खलन हुआ और करीब 11:00 बजे तक वाहनों की आवाजाही बंद हो गई। कालका-शिमला नेशनल हाईवे-पांच पर तंबूमोड़ के समीप शुक्रवार देर रात पहाड़ी से भूस्खलन हो गया। इस कारण हाईवे पर तीन घंटे तक वाहनों की आवाजाही पूर्ण रूप से ठप रही।
केदारनाथ से अब तक 10,500 निकाले
बादल फटने के बाद से केदारनाथ धाम के रास्ते में फंसे 10,500 से अधिक लोगों को अब तक सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है। इनमें से कुछ लोगों को वायुसेना के चिनूक और एमआई17 हेलिकॉप्टर से सुरक्षित निकाला गया है। अधिकारियों ने बताया कि अभी भी केदरनाथ, भीमबली और गौरीकुंड में लगभग 1,300 लोग फंसे हुए हैं, जिन्हें निकालने के लिए शनिवार को भी बचाव अभियान चलाया गया। सभी लोग जहां भी हैं पूरी तरह से सुरक्षित हैं और उनके ठहरने, खाने-पीने का पूरा इंतजाम किया गया है। रुद्रप्रयाग की पुलिस अधीक्षक विशाखा अशोक भड़ाने ने इन खबरों को पूरी तरह से खंडन किया कि केदारनाथ पैदल मार्ग पर बादल फटने के बाद से बड़ी संख्या में लोग लापता हैं। उन्होंने कहा कि ज्यादातर लापता बताए गए लोग अपने घरों को पहुंच गए हैं। जिन लोगों से संपर्क नहीं हो पा रहा है उसकी वजह खराब मौसम और कमजोर नेटवर्क है।
90 यात्री चौमासी मार्ग के लिए हुए रवाना
शनिवार को केदारनाथ से 90 यात्रियों के दल को बीकेटीसी के कर्मचारी संदीप कुमार व वन विभाग के कर्मचारी बदरी कुमार के नेतृत्व में भैरवनाथ-खाम बुग्याल-चौमासी मार्ग के लिए रवाना किया गया। दोनों कर्मियों को पूरे पैदल मार्ग की जानकारी है। साथ ही सभी यात्रियों को बीकेटीसी द्वारा भोजन के पैकेट भी मुहैया कराए गए हैं।
केदारनाथ पैदल मार्ग पर आवागमन जल्द सुचारू करने का करें प्रयास: सीएम
देहरादून में शनिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने सरकारी आवास पर उच्च स्तरीय बैठक की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि शासन के वरिष्ठ अधिकारी अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों में राहत, बचाव कार्यों का निरंतर अनुश्रवण करें। जिलाधिकारियों की तरफ से राहत, बचाव कार्यों के लिए जो भी सहायता की मांग की जा रही है, उस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए सहयोग प्रदान किया जाए। उन्होंने केदारनाथ पैदल मार्ग पर आवागमन जल्द सुचारू करने के निर्देश भी दिए। सीएम के निर्देश पर केदारनाथ यात्रा मार्ग के प्रभावित क्षेत्रों में आधारभूत संरचना के मरम्मत के लिए गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
गंगोत्री हाईवे का 25 मीटर हिस्सा भागीरथी में समाया
उत्तरकाशी में बाल कंडार मंदिर के पास गंगोत्री हाईवे का करीब 25 मीटर हिस्सा भागीरथी नदी में समा गया। बीआरओ ने हाईवे की सुरक्षा के लिए यहां वायरक्रेट दीवार लगाई थी, लेकिन वह भी भागीरथी में बह गई है। वहीं, यमुनोत्री धाम में यमुना का जलस्तर बढ़ने से खरसाली-जानकीचट्टी तक करीब 24 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ है।
बंगाल के कई जिलों में भारी बारिश
झारखंड और गंगीय पश्चिम बंगाल पर बना निम्न दबाव के गहरे अवदाब में बदल जाने के परिणामस्वरूप पश्चिम बंगाल में कोलकाता और आसपास के कई जिलों में शनिवार को भारी बारिश हुई। इसके चलते कोलकाता, साल्ट लेक और बैरकपुर के कई निचले इलाकों में पानी भर गया। कोलकाता एयरपोर्ट पर भी जलभराव की समस्या का सामना करना पड़ा, लेकिन उड़ानों पर असर नहीं पड़ा। कुछ क्षेत्रों में वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई। दमदम में शुक्रवार के बाद से 100 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है।
झारखंड में मूसलाधार बारिश से तबाही
झारखंड में पिछले दो दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश की वजह से कई सड़कें बह गईं, पेड़ उखड़ गए और घरों को नुकसान पहुंचा है। हालांकि, कहीं से किसी तरह के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है। राज्य सरकार ने पहले ही सभी स्कूलों को शनिवार तक बंद रखने का आदेश दिया था। रांची के निचले इलाकों से लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए शुक्रवार को ही एनडीआरएफ की टीमें तैनात की गई थीं।
एमपी में घर गिरा, दो बच्चों की मौत
मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले के एक गांव में मूसलाधार बारिश की वजह से एक घर गिर गया, जिसके मलबे में दबकर दो बच्चों की मौत हो गई और पांच लोग घायल हुए हैं। यह घटना शुक्रवार और शनिवार की दरम्यानी रात हुई।
महाराष्ट्र के कई जिलों में अलर्ट
मौसम विभाग ने महाराष्ट्र के पालघर, पुणे और सतारा जिलों में रविवार को अत्यधिक बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी किया है वहीं, मुंबई, ठाणे और नासिक जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा राज्य के अन्य हिस्सों में भी भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है।
जम्मू-कश्मीर में अगले दो दिन बारिश के आसार
जम्मू और कश्मीर संभाग के कुछ हिस्सों में 5 अगस्त तक भारी बारिश के आसार हैं। मानसून की सक्रियता बढ़ने से खराब मौसम की सूरत में संभावित क्षेत्रों में बाढ़, भूस्खलन और पहाड़ों से पत्थर गिरने की आशंका है। जम्मू संभाग के कुछ हिस्सों में बारिश से गर्मी से राहत मिली है। धुंध और बादल छाए रहने से कटड़ा-सांझीछत चापर सेवा बाधित रही। इस बीच जम्मू की तुलना में श्रीनगर में दिन का पारा अधिक दर्ज किया गया।
दिल्ली में भी बारिश का अलर्ट
दिल्ली के कुछ इलाकों में शनिवार को हुई बारिश से मौसम सुहावना हो गया। मौसम विभाग ने पूरे सप्ताह बारिश की उम्मीद जताई है। वहीं, विभाग की ओर से छह अगस्त से यलो अलर्ट की चेतावनी भी जारी की है। विभाग के मुताबिक रविवार को आसमान में आमतौर पर बादल छाए रहेंगे। गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है।प्रादेशिक मौसम विभाग केंद्र, नई दिल्ली के मुताबिक शनिवार को दिल्ली का अधिकतम तापमान 34.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं, न्यूनतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।