ईपीएफओ: केंद्र में एक्स-सर्विसमैन को वापस करनी होगी सैलरी

केंद्र सरकार में कुछ कर्मचारी ऐसे हैं, जिन्हें कई वर्षों से एक तय वेतन मिलता रहा। इसमें उनका कोई कसूर नहीं था। संबंधित विभाग द्वारा हर माह कर्मियों के खाते में वेतन डाला जा रहा था। अब कहा जा रहा है कि उन्हें जो वेतन दिया गया है, वो ज्यादा है। कई वर्षों के हिसाब से अब उस वेतन में कटौती होगी। कर्मियों को वह सेलरी, वापस जमा करानी पड़ेगी। खास बात ये है कि जिन कर्मियों के खाते में यह वेतन आया है, उनमें आर्मी, नेवी और एयरफोर्स से रिटायर हुए कर्मी शामिल हैं। उन्होंने केंद्र एवं राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में एक्स-सर्विसमैन कोटे से नौकरी ली थी।

डीओपीटी के नियम गलत तरीके से लागू हुए

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ‘ईपीएफओ’ ने इसे लेकर सभी एडीशनल सेंट्रल पीएफ कमिश्नर (जोन) और क्षेत्रिय कार्यालयों के सभी आरपीएफसी इंचार्ज को पत्र भेजा है। इसमें कहा गया है कि डीओपीटी/जीओआई द्वारा एक्स-सर्विसमैन के वेतन को लेकर जो नियम/प्रावधान तय किए गए थे, उन्हें गलत तरीके से लागू कर दिया गया। इस वजह से एक्स-सर्विसमैन के खाते में ज्यादा वेतन जमा होता रहा। इनमें वे सभी एक्स-सर्विसमैन शामिल हैं, जो रक्षा सेवा के नॉन कमीशन रैंक में रिटायर हुए हैं। रिटायरमेंट के बाद उन्होंने केंद्र एवं राज्य सरकारों में नौकरी हासिल की है। इसी कड़ी में अनेक एक्स सर्विसमैन को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन में भी नौकरी मिल गई।

अदालत जा सकते हैं एक्स सर्विसमैन

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने इस मामले में 26 जुलाई 2017 के एक सर्कुलर का हवाला दिया है। अब ईपीएफओ द्वारा कहा जा रहा है कि एक्स सर्विसमैन का वेतन गलत तरीके से निर्धारित हुआ है। उसमें किसी प्रावधान को गलत तरीके से अप्लाई कर दिया गया। इसके चलते ओवर पेमेंट हो गया। ईपीएफओ के सभी कार्यालयों में स्टे्टस चेक किया जाए। अगर कर्मियों के खाते में ज्यादा पैसा गया है, तो उन्हें वापस करना होगा। जानकारों का कहना है कि इस मामले में अब कई एक्स सर्विसमैन अदालत में जा सकते हैं। वे कह सकते हैं कि इसमें उनकी कोई गलती नहीं है। खुद सरकार ने नियम तय किए हैं। सरकारी खजाने से ही उन्हें वेतन मिला है।

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