रूस और यूक्रेन युद्ध में अब परमाणु हथियारों की एंट्री के आसार हैं। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन लगातार इसे लेकर चेतावनी भी देते रहे हैं। बुधवार को ही रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने भी इस मुद्दे पर भारत में अपने समकक्ष राजनाथ सिंह से बातचीत की थी। अब खबर आ रही है कि इस बढ़ते तनाव के बीच भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर रूस का दौरा करेंगे। रूस के विदेश मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी है।
बताया गया है कि जयशंकर आठ नवंबर को मॉस्को में अपने समकक्ष सर्गेई लावरोव के साथ बैठक करेंगे। इस दौरान वे रूस और यूक्रेन के बीच मध्यस्थता की पेशकश भी कर सकते हैं। साथ ही रूस से आयात-निर्यात को लेकर चर्चा भी हो सकती है।
जयशंकर के रूस दौरे की टाइमिंग काफी अहम है। दरअसल, यूक्रेन पर रूस की बढ़ती आक्रामकता को देखते हुए कीव स्थित भारतीय दूतावास ने छात्रों को तुरंत भारत लौटने की सलाह दी है। हालांकि, कई छात्रों ने इस एडवायजरी को मानने से इनकार करते हुए कहा है कि वे या तो पढ़ेंगे या मरेंगे। इसे लेकर छात्रों के परिवारों ने केंद्र सरकार से चिंता जाहिर की है।
रूस के विदेश मंत्रालय ने इस मुलाकात पर बयान जारी कर कहा, “दोनों मंत्री द्विपक्षीय संबंधों की मौजूदा स्थिति और अंतरराष्ट्रीय एजेंडे पर चर्चा करेंगे।’’ हालांकि, जयशंकर की इस प्रस्तावित यात्रा पर विदेश मंत्रालय की ओर से अभी कोई बयान नहीं आया है।
रूस-यूक्रेन से लगातार संपर्क में बना है भारत
फरवरी में यूक्रेन पर रूस के हमलों की शुरुआत के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस के राष्ट्रपति पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से कई बार बात कर चुके हैं। मोदी ने जेलेंस्की के साथ चार अक्टूबर को फोन पर हुई बातचीत में कहा था कि कोई सैन्य समाधान नहीं हो सकता और भारत शांति के किसी भी प्रयास में योगदान देने को तैयार है। मोदी ने 16 सितंबर को उज्बेकिस्तान के समरकंद में पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक में कहा था कि ‘‘आज का युग युद्ध का नहीं है।’’
भारत ने यूक्रेन पर रूस के हमले की अभी तक निंदा नहीं की है और कहता आ रहा है कि संकट का समाधान संवाद और कूटनीति से निकाला जाना चाहिए। रूस ने लगभग दो सप्ताह पहले क्रीमिया में एक बड़े विस्फोट के जवाब में यूक्रेन के अनेक शहरों को निशाना बनाकर मिसाइल हमले शुरू किये जिसके बाद दोनों के बीच टकराव बढ़ गया है। विस्फोट के लिए रूस ने यूक्रेन को जिम्मेदार ठहराया।