सूडान में फंसे लोगों पर जयशंकर की सिद्धारमैया को खरी-खरी

सूडान में अर्धसैनिकों और सशस्त्र बलों के बीच जारी हिंसक झड़प थमने का नाम नहीं ले रही है। लगातार चौथे दिन यह झड़प जारी रही। झड़प में मरने वालों की संख्या बढ़कर 185 तक पहुंच गई है। इस बीच, सामने आया है कि कर्नाटक के लगभग 31 आदिवासी सूडान के अल फशेर में फंसे हुए हैं। जिसको लेकर यहां राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया के ट्वीट पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने करारी प्रतिक्रिया की है। उन्होंने कांग्रेस नेता के ट्वीट पर रीट्वीट करते हुए लिखा कि वहां लोगों का जीवन दांव पर है। आप यहां राजनीति ना करें। 

कांग्रेस नेता ने क्या कहा था? 
सूडान में चल रही लड़ाई के बीच वहां फंसे भारतीयों को लेकर कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने चिंता जाहिर की थी। उन्होंने ट्वीट के जरिए कहा था कि खबर है कि हक्की-पक्की जनजाति के 31 आदिवासी, जोकि कर्नाटक के रहने वाले हैं, वो गृहयुद्ध से परेशान सूडान में फंसे हुए हैं। ट्वीट में उन्होंने आगे कहा कि मैं इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई से तत्काल हस्तक्षेप करने और उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने का आग्रह करता हूं।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दी प्रतिक्रिया
कांग्रेस नेता के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आपके ट्वीट से स्तब्ध हूँ ! आपने बस ट्वीट करके अपील की। वहां जीवन दांव पर हैं। ऐसे में इस मामले में राजनीति मत कीजिए। उन्होंने आगे कहा कि सुरक्षा कारणों के कारण उन लोगों का स्थान और विवरण सार्वजनिक नहीं कर सकते। दूतावास इसे लेकर लगातार मंत्रालय के संपर्क में है।  

विदेश मंत्री ने आगे कहा कि उनके बारे में योजनाओं को एक बहुत ही जटिल सुरक्षा परिदृश्य को ध्यान में रखना होता है। दूतावास इस संबंध में लगातार मंत्रालय के संपर्क में है। उनकी स्थिति का राजनीतिकरण करना आपके लिए घोर गैरजिम्मेदाराना है। कोई भी चुनावी लक्ष्य विदेशों में भारतीयों को खतरे में डालने को सही नहीं ठहराता। गौरतलब है कि 14 अप्रैल को लड़ाई शुरू होने के बाद से, खार्तूम में भारतीय दूतावास सूडान में अधिकांश भारतीय नागरिकों और पीआईओ के साथ लगातार संपर्क में है।

भारत ने सूडान हिंसा पर क्या प्रतिक्रिया दी?
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक बयान में कहा कि खार्तूम में हालात बेहद चिंताजनक हैं और भारत स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है। वहीं एक भारतीय की मौत पर जयशंकर ने कहा कि वे इसे लेकर काफी दुखी हैं और दूतावास परिवार को सारी मदद मुहैया कराने की कोशिश में है। जयशंकर ने ट्वीट कर कहा कि वह भारतीय नागरिक की मौत से आहत हैं। भारतीय दूतावास आगे की औपचारिकताएं पूरी करने के लिए पीड़ित परिवार और चिकित्सा विभाग के संपर्क में है। 

वहीं, खार्तूम में बड़े पैमाने पर हिंसा के बाद भारतीय दूतावास ने भारतीय नागरिकों को अत्यधिक सावधानी बरतने और घर के अंदर रहने की सलाह दी। शनिवार को एक ट्वीट में, मिशन ने भारतीयों से शांत रहने और अपडेट की प्रतीक्षा करने का भी आग्रह किया।

सूडान में क्या हो रहा है? 
अफ्रीकी देश सूडान इन दिनों हिंसा की चपेट में जकड़ा हुआ है। यहां की राजधानी खार्तूम में सेना और देश के ताकतवर अर्धसैनिक बल, रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (आरएसएफ) के बीच भयंकर लड़ाई छिड़ी हुई है। शनिवार से शुरू हुई हिंसक झड़प मंगलवार को चौथे दिन भी जारी रही। संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के मुताबिक, इस झड़प में अब तक कुल 185 लोग मारे जा चुके हैं जबकि घायलों की संख्या 1800 है।

आखिर झड़प की वजह क्या है?
हालिया हिंसक घटनाओं की जड़ें तीन साल पहले हुआ तख्तापलट से जुड़ी हैं। दरअसल, अप्रैल 2019 में एक विद्रोह के बीच सैन्य जनरलों द्वारा लंबे समय से शासन कर रहे निरंकुश शासक उमर अल-बशीर को सत्ता से बेदखल कर दिया था। तब से वह एक संप्रभु परिषद के माध्यम से देश चला रही है। सेना और आरएसएफ प्रतिद्वंद्विता राष्ट्रपति उमर अल-बशीर के शासन के समय से चली आ रही है। ताजा झड़प की वजह ये है कि सूडान की सेना का मानना है कि आरएसएफ, अर्द्धसैनिकल बल के तहत आती है और उसे सेना में शामिल नहीं किया जाना चाहिए।

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