तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव शनिवार को हैदराबाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगवानी करने के वक्त मौजूद नहीं रहे। पीएम मोदी 11,300 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं की आधारशिला रखने के लिए राज्य के दौरे पर थे। पीएम मोदी हैदराबाद में सिकंदराबाद-तिरुपति वंदे भारत एक्सप्रेस को भी हरी झंडी दिखाने के बाद में सिकंदराबाद के परेड ग्राउंड में एक जनसभा को संबोधित किया। यह पहली बार नहीं है जब मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री की अगवानी नहीं की है।
पिछले साल नवंबर में, जब पीएम मोदी रामागुंडम उर्वरक संयंत्र को राष्ट्र को समर्पित करने के लिए तेलंगाना में थे, राव ने उन्हें रिसीव नहीं किया। उस समय सीएमओ ने आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने उनके साथ दौरे के ब्यौरों का समन्वय नहीं किया था। उन्होंने यह भी महसूस किया कि मुख्यमंत्री को दिया गया निमंत्रण उनके कार्यालय के अनुरूप नहीं था।
सीएमओ ने ट्वीट के जरिए अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए निमंत्रण पत्र में राव का नाम नदारद होने का जिक्र किया। उन्होंने यह भी बताया कि परियोजना में राज्य सरकार की 11 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। एक बार फिर, केसीआर ने पीएम मोदी की अगवानी नहीं की, जब वह पिछली जुलाई में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के लिए हैदराबाद में थे। मई में पीएम यहां इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस में 20वें वार्षिक समारोह के लिए आए थे, जहां केसीआर फिर से इससे दूरी बना ली थी। इससे पहले फरवरी में, मुख्यमंत्री फिर से गायब हो गए थे जब पीएम मोदी ने स्टैच्यू ऑफ इक्वैलिटी का अनावरण किया था।
मुख्यमंत्री पर कई बार मुलाकात न करके पीएम मोदी का अपमान करने का राज्य भाजपा कैडर द्वारा आरोप लगाया गया है। ताजा स्नब ऐसे समय में आया है जब भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंदी संजय कुमार को हिंदी एसएससी परीक्षा का पेपर लीक करने के आरोप में नाटकीय गिरफ्तारी के बाद जमानत पर रिहा कर दिया गया था। जेल से रिहा होने के बाद, कुमार ने आरोप लगाया था कि गिरफ्तारी प्रधानमंत्री की यात्रा से पहले गड़बड़ी पैदा करने की एक चाल थी।