मणिपुर में जातीय हिंसा अभी भी जारी है। बुधवार को इंफाल वेस्ट जिले में लोगों की भीड़ ने दो घरों को आग लगा दी। गनीमत रही कि जिन घरों में आग लगाई गई, वो खाली पड़े थे और उनमें रहने वाले लोग पहले ही पलायन कर चुके हैं। घटना की सूचना पाकर अग्निशमन विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंचे। घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।
घरों की सुरक्षा में तैनात थे सेना के जवान
घटना इंफाल वेस्ट के लांगोल इलाके की है। जहां लोगों की एक भीड़ ने दो घरों में आग लगा दी। जिन घरों में आग लगाई गई, उनकी सुरक्षा सेना के जवान कर रहे थे। आगजनी उस वक्त की गई, जब सेना के जवान गार्ड में बदलाव कर रहे थे। दरअसल घरों की सुरक्षा में तैनात सेना के जवान जब ड्यूटी पूरी करके जा रहे थे और सीआरपीएफ के जवान ड्यूटी पर तैनात होने की तैयारी कर रहे थे, उसी दौरान भीड़ ने घरों को आग के हवाले कर दिया।
हजारों लोग हो चुके हैं विस्थापित
आग लगने की सूचना पाते ही अग्निशमन विभाग की टीमें मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाया। बता दें कि मणिपुर में बीती 3 मई से जातीय हिंसा चल रही है। इस हिंसा में अभी तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है और हजारों लोग घायल हुए हैं। हजारों लोग हिंसा के चलते विस्थापित हुए हैं। मणिपुर में मैतई समुदाय द्वारा जनजातीय आरक्षण की मांग के चलते यह हिंसा भड़की। मणिपुर में मैतई समुदाय की जनसंख्या करीब 53 फीसदी है और ये अधिकतर इंफाल घाटी में रहते हैं। वहीं नगा और कुकी जनजाति के लोगों की संख्या 40 प्रतिशत के करीब है और ये राज्य के पहाड़ी इलाकों में रहते हैं।