अदालत ने गुरुवार को दिल्ली आबकारी नीति घोटाले के संबंध में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) नेता के.कविता द्वारा उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दायर अंतरिम जमानत याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया।
प्रावधान कठोर शर्तों के बावजूद महिला-अभियुक्त को जमानत पर रिहा करने के लिए अदालत को विवेकाधिकार प्रदान करता है, जिन्हें अन्यथा पीएमएलए के तहत जमानत के लिए पूरा करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि विधायिका का विचार यहां एक अलग शासन व्यवस्था बनाने का है और इसे अक्षरशः उचित प्रभाव दिया जाना चाहिए।
उन्होंने यह भी बताया कि कविता के बेटे को उसकी उपस्थिति की आवश्यकता होगी क्योंकि वह इस समय अपनी परीक्षा दे रहा है। ईडी ने दोनों मामलों में जमानत का विरोध किया।
ईडी की ओर से पेश वकील जोहेब हुसैन ने कहा कि पीएमएलए की धारा 45 के प्रावधानों के तहत महिलाओं को छूट उन महिलाओं के लिए है जिनके पास एजेंसी की कमी है। उन्होंने कहा यह उस महिला के लिए नहीं है जो सार्वजनिक जीवन में है और राज्य की अग्रणी राजनेता है।
15 मार्च को के.कविता को हैदराबाद से ईडी ने किया था गिरफ्तार
कविता के बेटे की परीक्षा के बारे में कहा गया कि बारह में से सात परीक्षाएं पहले ही खत्म हो चुकी हैं और उनका समर्थन करने के लिए उनके पिता और भाई भी हैं। कोर्ट ने कहा वह 8 अप्रैल को अपना फैससा सुनाया जाएगा। ईडी की एक टीम द्वारा उनके परिसर की तलाशी लेने और उससे पूछताछ करने के कुछ घंटों बाद कविता को 15 मार्च की शाम को हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया था।
शराब घोटाले में ये नेता हैं जेल में बंद
शराब घोटाला मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी जेल में बंद हैं। वहीं दूसरी तरफ आप से राज्यसभा सांसद संजय सिंह को सुप्रीम कोर्ट की ओर से जमानत दे दी गई थी। जिसके बाद बीते बुधवार की रात को उन्हें तिहाड़ जेल से रिहा कर दिया गया। के कविता नौ अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में रहेंगी।