समान नागरिक संहिता पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बात क्या कर दी, देश की राजनीति गर्म हो गई है। विपक्षी दल के नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमलावर हो रहे है। AIMIM प्रमुख असदुद्दीन औवेसी ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सवाल खड़े किए हैं और कहा कि इस्लाम में शादी एक कॉन्ट्रैक्ट है, हिंदूओं में जन्म-जन्म का साथ है। मोदी ने यूसीसी का जिक्र करते हुए कहा कि विपक्ष सियासी फायदे के लिए इसका इस्तेमाल कर रहा है।

ओवैसी का वार

असदुद्दीन औवेसी ने कहा कि प्रधानमंत्री भारत की विविधता और इसके बहुलवाद को एक समस्या मानते हैं। तो, वह ऐसी बातें कहते हैं... क्या आप यूसीसी के नाम पर देश की बहुलता और विविधता को छीन लेंगे? इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जब वह यूसीसी की बात करते हैं, तो वह हिंदू नागरिक संहिता की बात कर रहे होते हैं... मैं उन्हें चुनौती देता हूं - क्या वह हिंदू अविभाजित परिवार को खत्म कर सकते हैं? उन्होंने कहा कि जाओ और पंजाब के सिखों को यूसीसी के बारे में बताओ, देखो वहां क्या प्रतिक्रिया होगी। 


संविधान में धर्मनिरपेक्षता की बात 

औवेसी ने कहा कि प्रधानमंत्री को यह समझने की ज़रूरत है कि अनुच्छेद 29 एक मौलिक अधिकार है, मुझे लगता है प्रधानमंत्री को यह समझ नहीं आया। संविधान में धर्मनिरपेक्षता की बात है। उन्होंने कहा कि इस्लाम में शादी एक कॉन्ट्रैक्ट है, हिंदूओं में जन्म-जन्म का साथ है। क्या आप सबको मिला देंगे? भारत की विविधता को वे एक समस्या समझते हैं। तीन तलाक को लेकर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को पाकिस्तान से इतनी मोहब्बत क्यों है? उन्हें अपनी सोच का सॉफ्टवेयर बदलना चाहिए। भारत के मुसलमान को पाकिस्तान, मिस्र से क्या करना है? आप क्या उन्हें बड़ा और हमें कम समझ रहे हैं क्या? यह तो देश विरोधी बात है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि तीन तलाक कानून बनाने के बाद भी आप क्यों रो रहे हैं। 

PM ने क्या कहा था

मोदी ने कहा कि समान नागरिक संहिता (UCC) के नाम पर लोगों को भड़काने का काम हो रहा है। देश दो कानूनों पर कैसे चल सकता है? भारत के संविधान में भी नागरिकों के समान अधिकार की बात कही गई है...सुप्रीम कोर्ट ने बार-बार कहा है कि समान नागरिक संहिता(UCC) लाओ लेकिन ये वोट बैंक के भूखे लोग हैं। उन्होंने कहा कि जो भी तीन तलाक के पक्ष में बात करते हैं ये लोग मुस्लिम बेटियां के साथ बहुत बड़ा अन्याय कर रहे हैं। तीन तलाक से सिर्फ बेटियों को नुकसान नहीं होता है बल्कि इससे पूरा परिवार तबाह हो जाता है। मैं समझता हूं कि मुसलमान बेटियों पर तीन तलाक का फंदा लटका कर कुछ लोग उन पर हमेशा अत्याचार करने की खुली छूट चाहते हैं।