प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर पंचायतों से भेदभाव का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, पूज्य बापू कहते थे कि भारत की आत्मा गांवों में बसती है, लेकिन कांग्रेस ने गांधी के विचारों को अनसुना किया। 90 के दशक में पंचायती राज के नाम पर खानापूर्ति की। गांव के लोगों को बांटकर राजनीतिक दलों ने अपनी दुकानें चलाईं।

प्रधानमंत्री आज रीवा में राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर आयोजित पंचायती राज सम्मेलन में शामिल हुए। वे यहां 31 मिनट बोले। मोदी ने यहां से 2300 करोड़ के रेल प्रोजेक्ट्स और 7853 करोड़ रुपए की 5 नल-जल योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। तीन ट्रेनों को वर्चुअली हरी झंडी दिखाई।

उन्होंने कहा, मैं कई बार सोचता हूं कि छिंदवाड़ा के जिन लोगों पर आपने लंबे समय तक भरोसा किया, वे आपके विकास को लेकर, इस क्षेत्र के विकास को लेकर इतने उदासीन क्यों रहे। इसका जवाब कुछ राजनीतिक दलों की सोच में है। आजादी के बाद जिस दल ने सबसे ज्यादा सरकार चलाई, उसने ही गांवों का भरोसा तोड़ दिया। कांग्रेस शासन के दौरान गांवों को निचले पायदान पर रखा गया। गांवों के साथ इस तरह का सौतेला व्यवहार कर देश आगे नहीं बढ़ सकता।

1). पिछली सरकारें गांवों पर पैसा खर्च करने से बचती थीं

पहले की सरकारों ने गांवों के साथ बड़ा अन्याय किया। गांवों पर पैसा खर्च करने से बचती थीं। गांव अपने आप में कोई वोट बैंक तो था ही नहीं, इसीलिए उन्हें नजरअंदाज किया जाता था। हमारी सरकार ने गांवों के विकास के लिए तिजोरी खोल दी। 2014 के बाद से देश ने पंचायतों के सशक्तिकरण का बीड़ा उठाया। 2014 से पहले पंचायतों के लिए वित्त आयोग का अनुदान 70 हजार करोड़ से भी कम था। 2014 के बाद यह अनुदान 70 हजार से बढ़कर 2 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा हो गया। 2014 से पहले के 10 साल में केंद्र सरकार की मदद से 6 हजार के आसपास पंचायत भवन बनवाए गए थे। हमारी सरकार ने 8 साल के अंदर 30 हजार से ज्यादा नए भवन बनवा दिए हैं।

2). पहले गांवों तक पहुंचने वाला पैसा बीच में लुट जाता था

हमारे गांव के लोगों का पहले देश के बैंकों पर अधिकार नहीं माना जाता था। भुला दिया गया था। लोगों के पास न बैंक खाते होते थे, न सुविधा मिलती थी। सरकार जो पैसा गांव के लोगों के लिए भेजती थी, वो भी बीच में ही लुट जाता था। हमारी सरकार ने इसे भी पूरी तरह बदल दिया। हमने जन-धन योजना चलाई। गांव के 40 करोड़ से ज्यादा लोगों के बैंक खाते खुलवाए। पोस्ट ऑफिस का उपयोग कर गांवों तक बैंक की पहुंच बनाई। आज इसका प्रभाव देश के हर गांव में नजर आ रहा है। सीधा पैसा लोगों के खाते में जा रहा है।

3). आजादी के बाद सरकारों ने पंचायती राज व्यवस्था को ध्वस्त किया

पहले की सरकार ने ग्राम पंचायतों तक ऑप्टिकल फाइबर पहुंचाने की योजना शुरू की थी, लेकिन देश की 70 से भी कम ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा गया। वो भी शहर के बाहर नजदीकी पंचायतों में...। आजादी के बाद की सरकारों ने भारत के पंचायती राज व्यवस्था को ध्वस्त किया। आजादी के बाद इस व्यवस्था पर भरोसा नहीं किया। यह हमारी सरकार है, जो देश की 2 लाख से ज्यादा पंचायतों तक ऑप्टिकल फाइबर को ले गई है। फर्क साफ है।

4). इस रविवार 'मन की बात' की सेंचुरी है

इस रविवार 'मन की बात' 100 एपिसोड पूरा कर रहा है। आप सभी के योगदान की वजह से ही 'मन की बात' आज इस मुकाम तक पहुंचा है। मध्यप्रदेश के अनेक लोगों की उपलब्धियों का जिक्र मैंने 'मन की बात' से किया है। इस रविवार फिर मिलने के लिए इंतजार कर रहा हूं, क्योंकि सेंचुरी है। हमारे यहां इसका महत्व ज्यादा ही होता है। आप जरूर जुड़िएगा।

5). भाजपा ने देश की करोड़ों दीदी को लखपति दीदी बनाया

हमारे यहां ट्रेडिशन था- घर, दुकान, गाड़ी, खेत पुरुष के नाम पर, महिलाओं के नाम पर कुछ होता ही नहीं था। हमने यह रिवाज बदला। भाजपा की सरकार ने महिलाओं को घर की मालकिन बनाया। आज के समय में PM आवास का हर घर लाख रुपए से ज्यादा का होता है। भाजपा ने देश में करोड़ों दीदी को लखपति दीदी बनाया है। हमारी सरकार की योजनाएं गांव में महिला सशक्तिकरण कर रही हैं। पिछले 9 साल में 9 करोड़ महिलाएं स्वयं सहायता समूह से जुड़ीं। सभी दीदियों को प्रणाम करता हूं। आशीर्वाद दीजिए कि देश में और दीदी भी लखपति बनें, इसके लिए हम काम करते रहें।

6). डबल इंजन की सरकार ने खुशियां डबल कर दीं

छिंदवाड़ा - नैनपुर - मंडला फोर्ट रेल लाइन के बिजलीकरण से इस क्षेत्र के लोगों की दिल्ली, हावड़ा, मुंबई तक कनेक्टिविटी और आसान हो जाएगी। इसका बड़ा लाभ आदिवासी भाई- बहनों को होगा। छिंदवाड़ा - नैनपुर के लिए नई ट्रेनें शुरू होने से कई कस्बे और गांव अपने जिला मुख्यालय छिंदवाड़ा और सिवनी से सीधे जुड़ जाएंगे। नागपुर और जबलपुर जाना आसान हो जाएगा। रीवा - इतवारी ट्रेन चलने से सिवनी और छिंदवाड़ा सीधे नागपुर से जुड़ जाएंगे। रेल कनेक्टिविटी यहां पर्यटन और रोजगार बढ़ाएगी। इसका बढ़ा लाभ यहां के किसान, स्टूडेंट्स, छोटे कारोबारियों, दुकानदार को होगा। डबल इंजन की सरकार ने खुशियां डबल कर दीं।

7). पहले प्रॉपर्टी के कागजों पर उलझनें थीं, अब नहीं होंगी

एकीकृत ई-ग्राम स्वराज और जीईएम पोर्टल से पंचायतों के माध्यम से होने वाली खरीद प्रक्रिया सरल और पारदर्शी होगी। पंचायतों को कम कीमत में सामान मिलेगा। स्थानीय छोटे उद्योगों को भी अपना सामान बेचने का माध्यम बनेगा। पंचायतों के सभी सामान इस पोर्टल पर आसानी से मिलेगा। पीएम स्वामित्व योजना पर कहा- प्रॉपर्टी के कागजों को लेकर बहुत उलझनें रहीं। झगड़े-अवैध कब्जे होते थे। पीएम स्वामित्व योजना से सारी स्थितियां बदल रही हैं। गांव में ड्रोन से सर्वे हो रहा है। मैप बन रहे हैं। इस आधार पर बिना किसी भेदभाव के कानूनी दस्तावेज लोगों के हाथ में सौंपे जा रहे हैं। अभी तक देश भर में 75 हजार गांवों में प्रॉपर्टी कार्ड देने का काम पूरा हो चुका है। मध्यप्रदेश सरकार इसमें बहुत बेहतर काम कर रही है।