सऊदी में दिखा रमजान का चांद, भारत में 2 मार्च से शुरू होंगे रोजे

रमजान इस्लाम धर्म का सबसे पवित्र महीना माना गया है. इस्लामिक कैलेंडर में रमजान 9वां महीना माना जाता है. इस महीने की शुरुआत शाबान महीने की 29वीं रात को चांद नजर आने के बाद होती है. ये महीना 29 या 30 दिनों का होता है. रमजान के महीने में मुस्लिम समुदाय के लोग रोजा रखते हैं. ईद-उल-फितर का पर्व रमजान के अंत में शव्वाल महीने की पहली तारीख को होता है. इस साल ईद 31 मार्च को हो सकती है. हालांकि, चांद देखने के बाद ही इसका फैसला किया जाएगा.

रमजान के महीने में मुस्लिम समुदाय के लोग सिर्फ अल्लाह की इबादत में अपना समय व्यतीत करते हैं. रमजान का महीना और रोजे तभी शुरू होते हैं जब चांद नजर आ जाता है. ऐसे में रमजान की सही तारीख बिना चांद को देखे तय नहीं की जाती. सऊदी अरब में अगर आज 28 फरवरी को चांद नजर आ जाता है, तो 1 मार्च से रमजान के महीने की शुरुआत हो जाएगी. अगर चांद नहीं दिखता तो 2 मार्च से रमजान की शुरुआत होगी.

भारत में कब रखा जाएगा पहला रोजा?

भारत में चांद सऊदी अरब के एक दिन बाद नजर आता है. इसलिए अगर वहां चांद आज दिखता है तो भारत में रमजान का चांद अगले दिन यानी 1 मार्च को दिखेगा. इस तरह देश में पहला रोजा 2 मार्च को रखा जाएगा. वहीं, तरावीह चांद दिखने के साथ ही शुरू हो जाती हैं, जो रात में इशा की नमाज के बाद पढ़ी जाती हैं. एक मार्च को चांद दिखते ही उसी दिन तरावीह की नमाज शुरू हो जाएगी.

रोजे का अध्यातिक महत्व

रोजा इस्लाम धर्म के पांच स्तंभों में से एक माना जाता है. इस्लाम धर्म में रोजे को बहुत ही पाक यानी पवित्र और महत्वपूर्ण माना गया है. रमजान में हर वो मुसलमान जो शारीरिक रूप से सही है वो रोजा अवश्य रखता है. दरअसल, इस्लाम में रोजा रखना कुरान में अनिवार्य बताया गया है. रोजा रखकर मुसलमान अल्लाह के प्रति अपनी भक्ति और समर्पण को दर्शाते हैं. हदीस में बताया गया कि रमजान के समय रखा गया रोजा अल्लाह से पिछले गुनाहों को माफ करवा देता है. रोजे के दौरान इबादत करने से पुण्य मिलता है.

रोजे के दौरान नियमों का पालन जरूरी

रमजान में रोजा रखना ही काफी नहीं होता, बल्कि रोजे के नियमों का पालन भी आवश्यक होता है. रमजान के दौरान झूठ नहीं बोलना चाहिए. इस दौरान गलत बोलने और गलत सुनने-देखने से भी बचना चाहिए. इस दौरान किसी को दुख नहीं पहुंचाना चाहिए. रोजे के दौरान कुरान का पाठ करना चाहिए. साथ ही गरीबों और जरूरतमंदों को दान करना चाहिए.

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