भूमि अतिक्रमण को लेकर असम-अरुणाचल प्रदेश में फिर तनाव

असम के धेमाजी जिले में लोगों ने पड़ोसी अरुणाचल प्रदेश के कुछ निवासियों द्वारा भूमि अतिक्रमण पर आपत्ति जताई है, जिससे विवादित अंतर-राज्यीय सीमा क्षेत्र में तनाव पैदा हो गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, उन्होंने दावा किया कि अरुणाचल प्रदेश के कुछ लोगों ने कृषि फार्म स्थापित करने के लिए पनबारी में आरक्षित वन भूमि पर कब्जा कर लिया और क्षेत्र की घेराबंदी कर दी थी। उन्होंने कहा कि असम की ओर के स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया और बाड़ हटा दी, जबकि अरुणाचल प्रदेश के कुछ बदमाशों ने सोमवार शाम एक असमिया परिवार पर हमला किया और उनकी मोटरसाइकिल छीन ली।

दोनों राज्यों के अधिकारियों के बीच चर्चा
अधिकारी ने बताया कि धेमाजी के बोरदोलोनी चौकी से पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे और दोनों राज्यों के अधिकारियों के बीच भी चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि स्थिति को नियंत्रण में कर लिया गया है और इलाके में कड़ी निगरानी रखी जा रही है। यह घटना असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और उनके अरुणाचल प्रदेश समकक्ष पेमा खांडू द्वारा 15 जुलाई को ‘नमसाई घोषणा’ पर हस्ताक्षर करने के तीन दिन बाद हुई, जिसमें उन्होंने दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद को सुलझाने का वादा किया था।

दोनों राज्यों ने पिछले 123 के बजाय ‘विवादित गांवों’ की संख्या को 86 तक सीमित करने का भी फैसला किया था और 15 सितंबर तक मुद्दों को हल करने का प्रयास करने की बात कही थी। दोनों राज्य 804.1 किमी लंबी सीमा साझा करते हैं। 1972 में केंद्र शासित प्रदेश बने अरुणाचल प्रदेश की शिकायत यह है कि मैदानी इलाकों में कई वन क्षेत्र जो परंपरागत रूप से पहाड़ी आदिवासी प्रमुखों और समुदायों के थे, उन्हें एकतरफा असम में स्थानांतरित कर दिया गया। 1987 में अरुणाचल प्रदेश को राज्य का दर्जा मिलने के बाद एक त्रिपक्षीय समिति नियुक्त की गई जिसने सिफारिश की थी कि कुछ क्षेत्रों को असम से अरुणाचल में स्थानांतरित किया जाए।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here