भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर) सर्वे के प्रारंभिक नतीजों से पता चला है कि पुरी के जगन्नाथ मंदिर के रत्न भडार में कोई गोपनीय सुरंग या कक्ष नहीं है। हालांकि, इसकी पुष्टि अंतिम रिपोर्ट के बाद ही की जा सकेगी। ओडिशा के कानून, निर्माण और आबकारी मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
मंत्री ने कहा कि कोई गोपनीय रास्ता नहीं मिला। हालांकि सर्वेक्षण में मंदिर के खजाने में दरारें पाई गईं। श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन ने खजाने में मूल्यवान वस्तुओं और गहनों की अटकलों के बीच जीपीआर सर्वे की मांग की थी।
हरिचंदन ने कहा कि भगवान जगन्नाथ के गहनों और कीमती सामान की सूची तब बनाई जाएगी, जब एएसआई रत्न भंडार की मरम्मत पूरी कर लेगी। उन्होंने कहा, अभी मरम्मत करना संभव नहीं है, क्योंकि श्रद्धालुओं की भारी भीड़ है और यह कार्तिक का पवित्र महीना है। मरम्मत का काम एक महीने से अधिक समय लेगा और एएसआई कार्तिक पूर्णिमा के बाद दरारों को ठीक करने का कार्यक्रम बनाएगी। उन्होंने कहा, एक बार मरम्मत पूरी हो जाने के बात खजाने में कीमती सामान की सूची बनाई जाएगी।