भारत की वैक्सीन का विदेशों में डंका, एक और देश ने दी मान्यता

नई दिल्ली: पूरी दुनिया में अभी कोरोना वायरस (Corona Virus) का कहर खत्म नहीं हुआ है. कोरोना संक्रमण से कई लोगों की जान भी चली गई है. कोरोना का कहर कम हुआ, लेकिन अभी संक्रमण अभी जारी है. कोविड-19 संक्रमण (Covid-19) पर काबू पाने के लिए सिर्फ टीकाकरण (Vaccination) ही एक रास्ता है. इस बीच भारत (India) ने कोरोना की दो स्वदेशी वैक्सीन बनाई है. भारत की इस कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) का विदेशों में भी डंका बज रहा है. एक और देश ने भारत की वैक्सीन को मान्यता दे दी है, जबकि एक अन्य देश भारत के साथ मिलकर दोनों की वैक्सीन को अनुमति देने के लिए तैयार हो गए हैं. 

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा कि एक और देश ने भारत के टीकाकरण प्रमाणपत्र को मान्यता दे दी है. सर्बिया के साथ पारंपरिक दोस्ती कोविड-19 टीकाकरण प्रमाणपत्रों की पारस्परिक मान्यता में तब्दील हो गई है. एमईए ने अपने दूसरे ट्वीट में लिखा कि कोविड-19 टीकाकरण प्रमाणपत्रों की आपसी मान्यता शुरू हो गई है. भारत और हंगरी एक-दूसरे के कोविड-19 टीकाकरण प्रमाणपत्रों को मान्यता देने पर सहमत हुए हैं. शिक्षा, व्यवसाय, पर्यटन और उससे आगे के लिए गतिशीलता की सुविधा प्रदान करेगा.

आपको बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन में कोविड-19 वैक्सीन Covaxin को अनुमति देने पर फैसला अगले हफ्ते होगा. इसे लेकर WHO ने कहा कि भारत बायोटेक (Bharat Biotech) की कोरोना वैक्सीन ‘कोवैक्सीन’ को इमरजेंसी इस्तेमाल की लिस्टिंग (EUL) के लिए अगले हफ्ते फैसला लिया जाएगा. इसके लिए WHO और विशेषज्ञों के एक स्वतंत्र समूह की बैठक होने वाली है. इस दौरान कोरोना वैक्सीन ‘कोवैक्सीन’ की जोखिम और फायदों का आंकलन किया जाएगा और उसके बाद मंजूरी को लेकर अंतिम निर्णय लिया जाएगा. 

डब्ल्यूएचओ ने कहा कि 27 सितंबर को WHO के अनुरोध पर कोवैक्सीन को डेवलप करने वाली कंपनी भारत बायोटेक, लगातार डेटा जमा कर रही है और अतिरिक्त सूचना भी साझा कर रही है. फिलहाल, डब्ल्यूएचओ के एक्सपर्ट इसकी समीक्षा कर रहे हैं. अगर यह कंपनी से मांगे गए स्पष्टीकरण को पूरा करता है तो अगले सप्ताह इसे अंतिम रूप दिया जाएगा.

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