आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर आशिक नेंगरू और उसके साथी रियाज अहमद डार को पुलवामा की एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) की विशेष अदालत ने मंगलवार को फरार घोषित कर दिया। अदालत ने दोनों को आत्मसमर्पण के लिए 30 दिन का समय दिया है।
सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार नेंगरू इस समय पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (पीओजेके) से जैश-ए-मोहम्मद का आतंकी नेटवर्क संचालित कर रहा है। नॅगरू पुलवामा हमले व झज्जर कोटली में सुरक्षाबलों के साथ हुई मुठभेड़ के अलावा अनेक आतंकी वारदातों में शामिल रहा है।
पुलिस की ओर से जारी बयान के अनुसार आतंकवादी आशिक अहमद नेंगरू पर पुलिस स्टेशन राजपोरा में यूएपीए तथा सक्रिय आतंकवादी रियाज अहमद डार के खिलाफ पुलिस स्टेशन पुलवामा में हत्या का प्रयास व यूएपीए मामला दर्ज है। अदालत ने दोनों के संबंध में घोषणा जारी की है। पुलिस प्रवक्ता के अनुसार इससे पहले एनआईए कोर्ट इनके खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी कर चुकी है।
सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार नेंगरू पीओजेके से जम्मू-कश्मीर में जैश के नेटवर्क को चला रहा है। नेंगरू जम्मू श्रीनगर नेशनल हाईवे पर 12 अगस्त 2018 को उधमपुर पुलिस ने एक ट्रक झज्जर कोटली में तलाशी के लिए रोका था। इस ट्रक से तीन आतंकियों को वह कश्मीर लेकर जा रहा था। वर्ष 2019 में पुलवामा सीआरपीएफ काफिले पर हुए आतंकी हमले में भी वह शामिल है। नेंगरू के खिलाफ देश विरोधी गतिविधियों, आतंकियों को इधर से उधर ले जाने, युवाओं क बरगलाने के कई मामले दर्ज हैं। वह शुरुआती दौर में ड्राइवर का काम करता था।
दो आतंकी मददगार गिरफ्तार
किश्तवाड़ दो ओवर ग्राउंड वर्करों को देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में पीएसए के तहत गिरफ्तार किया गया। एसएसपी खलील पोसवाल ने कहा कि दोनों काफी समय से देश विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं। दोनों को कठुआ जेल भेजा गया। है। इनकी पहचान मोहम्मद रफी निवासी किश्तवाड़ और गुलाम कादिर निवासी दच्छन जिला किश्तवाड़ के रूप में हुई है।