महिला जूनियर कोच के पिता बुधवार को झज्जर में न्याय संघर्ष समिति की तरफ से की जा रही भूख हड़ताल के दौरान धरना स्थल पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि अब प्रदेश सरकार से उन्हें न्याय की उम्मीद नहीं है क्योंकि मंत्री संदीप सिंह के पक्ष में खुद मुख्यमंत्री भी क्लीन चिट दे चुके हैं। अब उन्हें केवल न्यायपालिका पर ही उम्मीद है। उनका कहना है कि मंत्री संदीप सिंह 31 मार्च को लाइव डिटेक्टर टेस्ट के लिए अदालत में पेशी के दौरान पेश नहीं हुए, अब गुरुवार को इस मामले में चंडीगढ़ जिला न्यायालय में दूसरी पेशी है।
सरकार पर नहीं, न्यायपालिका पर है विश्वास
उनका कहना है कि वह विभिन्न संगठनों के सहयोग से ही यह लड़ाई लड़ रहे हैं और सरकार अगर चाहती तो मंत्री को अब तक सलाखों के पीछे पहुंचा देती, लेकिन खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल मंत्री संदीप सिंह का बचाव कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में सरकार से न्याय की कोई उम्मीद नहीं है। अब केवल न्यायपालिका पर है उम्मीद बची है। पिछले काफी समय से मंत्री संदीप सिंह और जूनियर कोच के साथ छेड़छाड़ के आरोपों को लेकर खाप पंचायत एवं संगठन बैठकों व प्रदर्शन कर न्याय की गुहार लगा रहे हैं लेकिन उनके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
कहा जूनियार कोच के पिता ने, पहली पेशी पर अदालत नहीं पहुंचे संदीप सिंह
उसके पिता का कहना है कि सरकार पूरी तरह से जांच में मंत्री संदीप सिंह का पूरा सहयोग कर रही है। अगर सरकार न्याय दिलाना चाहती तो मंत्री जेल की सलाखों के पीछे पहुंच चुके होते। न्याय संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने भी मंत्री संदीप सिंह को बर्खास्त कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। झज्जर में न्याय संघर्ष समिति आरोपी मंत्री संदीप सिंह के खिलाफ शहर के लघुसचिवालय में भूख हड़ताल पर हैं और मंत्री संदीप सिंह को बर्खास्त करने और गिरफ्तार करने की मांग कर रहे हैं।