पुलिस अभिरक्षा में हत्या के दोषी पिता-पुत्र को आजीवन कारावास

मुजफ्फरनगर। सात साल पहले पुलिस अभिरक्षा में अभियुक्त दामोदर शर्मा की हत्या के दोषी पिता-पुत्र को अदालत ने आजीवन कारावास और 15-15 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। वारदात भोपा  थाने के सामने अंजाम दी गई थी। अपर सत्र न्यायालय पॉक्सो एक्ट द्वितीय के पीठासीन अधिकारी अंजनी कुमार सिंह ने फैसला सुनाया। 

सहायक शासकीय अधिवक्ता फौजदारी किरणपाल ने बताया कि मामला सात अक्तूबर 2016 का है। भोपा थाने में तैनात सिपाही आदेश कुमार और होमगार्ड हितेश मीरापुर के नंगला खेपड़ गांव निवासी अभियुक्त दामोदर शर्मा को मेडिकल कराने के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भोपा लेकर आए थे। मेडिकल के बाद जैसे ही वापस लौटने लगे तो हाईवे पर भोपा थाने के पास दामोदर शर्मा के सिर में तमंचे और पिस्टल से गोली मारकर हत्या कर दी गई।

पुलिस ने आसपास के लोगों की मदद से घेराबंदी कर वारदात के बाद  भाग रहे कादीपुर गांव निवासी कुंवरपाल और उसके पुत्र मोहित को पकड़ लिया। दोनों ने हत्या की रंजिश में वारदात अंजाम दी थी। पुलिस ने अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया।

प्रकरण की सुनवाई अपर सत्र न्यायालय पॉक्सो एक्ट द्वितीय में हुई। अदालत ने दोषी कुंवरपाल और मोहित को धारा 302 में आजीवन कारावास और 10-10 हजार रुपये अर्थदंड, धारा 353 में एक साल कारावास और धारा  25 आयुष अधिनियम में दो साल कारावास और पांच-पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।

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