किसान आंदोलन के कारण दिल्ली-यूपी बॉर्डर बंद, वैकल्पिक मार्ग के प्रयोग की सलाह

गाजीपुर बॉर्डर प्रदर्शन करते किसान

कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे प्रदर्शन का आज 22वां दिन है. आज सुप्रीम कोर्ट में इस मसले पर सुनवाई होनी है. कल एक संत राम सिंह की वजह से आंदोलन और ज्यादा चर्चा में आ गया है. राम सिंह के पास से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ, जिसमें लिखा था कि बाबा ने किसानों की पीड़ा को देखते हुए खुद को गोली मार कर आत्महत्या की है.


लाइव खबरें और अपडेट

नाजुक मोड़ पर पहुंचा किसान आंदोलन- हुड्डा

कांग्रेस नेता दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि किसानों का आंदोलन नाजुक मोड़ पर पहुंच चुका है. मैं प्रधानमंत्री जी से आग्रह करना चाहता हूं कि वे इस मामले में हस्तक्षेप करें और किसानों की मांगों को मानते हुए तीनों कृषि कानूनों को वापस करें.

ट्रैफिक पुलिस ने जारी की एडवाइजरी

ट्रैफिक पुलिस ने एडवाइजरी जारी की है, जिसके मुताबिक, किसानों आंदोलन के कारण गाजीपुर बॉर्डर (दिल्ली-यूपी बॉर्डर) गाजियाबाद से दिल्ली की ओर आने वाले ट्रैफिक के लिए बंद है. लोगों को दिल्ली आने के लिए वैकल्पिक रास्ता अपनाने की सलाह दी जाती है.

सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा की प्रेस कॉन्फ्रेंस:

– हमारा आंदोलन अब तेजी पकड़ रहा है.

– 20 तारीख को गांव और कस्बे के लेवल पर हम श्रद्धांजलि देंगे.

– चिल्ला बॉर्डर पर हमारे संयुक्त किसान मोर्चा के लोगों पर लाठी चार्ज हुआ है.

– मध्यप्रदेश के किसानों को रोका जा रहा है. हम इसकी निंदा करते हैं.

– हम सरकार को बोलते हैं, इसे रोके वर्ना माकूल जवाब देंगे.

– बीजेपी हमारे आंदोलन को बदनाम कर रही है.

– हम सिरोमनी गुरुद्वारा प्रबोधक समिति (SGPC), अध्यक्ष बीबी जगीर कौर के खिलाफ कार्रवाई चाहते हैं.

“बाबा राम सिंह का बलिदान व्यर्थ नहीं जाना चाहिए”

संत राम सिंह के कथित तौर पर आत्महत्या करने के मामले पर किसान नेताओं ने कहा कि बाबा राम सिंह 9 तारीख से हमारे साथ थे, आते-जाते रहते थे. उन्होंने पांच लाख रुपये प्रोटेस्ट दिए थे. कपड़ो का लंगर लगाया था. उनका डेरा साथ था. उनके समर्थको से कहना चाहेंगे, उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाना चाहिए, वो तभी होगा जब हम शांति पूर्वक अपना समर्थन आगे बढ़ाएंगे.”

“किसान और सरकार दोनों अपने रवैए में लाएं नर्मी”

भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत का बड़ा बयान आया है. उन्होंने कहा, “किसान और सरकार दोनों अपने रवैए में लाए नर्मी, दोनों दो-दो कदम पीछे हटे, तो निकल जाएगा समाधान. बाकी दलों को भी मनाने की कोशिश.” गाजीपुर बॉर्डर पर खाप पंचायत के बाद लिया फैसला.

दिल्ली विधानसभा ने खारिज किए तीनों कानून- केजरीवाल

सदन से बाहर आकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल मीडिया से बात करते हुए कहा, “दिल्ली विधानसभा ने आज सभी तीनों कृषि कानूनों को खारिज कर दिया और केंद्रीय सरकार से अपील की कि वह इन काले कानूनों को वापस ले. 20 दिनों के विरोध के दौरान 20 से अधिक किसानों की मौत हो चुकी है. इस आंदोलन में औसतन एक किसान प्रतिदिन शहीद हो रहा है.”

“कानूनों का फायदा समझाना के लिए BJP ने उतारे बड़े नेता”

दिल्ली CM अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा के एक विशेष सत्र में किसान आंदोलन पर कहा कि केंद्र सरकार कह रही है कि किसानों को कृषि कानूनों का फायदा समझ नहीं आ रहा इसलिए अपने दिग्गज नेताओं को उतारा है. योगी आदित्यनाथ एक रैली में कह रहे थे कि इन कानूनों से किसी की जमीन नहीं जाएगी, ये फायदा है क्या? उन्होंने कहा, “बीजेपी वाले कहते हैं कि किसान अब अपनी फसल पूरे देश में कहीं भी बेच सकता है. धान का MSP 1868 रुपये है, ये बिहार और उत्तर प्रदेश में 900-1000 रुपये में बिक रहा है. मुझे बता दीजिए कि ये किसान देश में कहां अपनी फसल बेचकर आएं.”

कब जागेगी केंद्र सरकार?: केजरीवाल

दिल्ली विधानसभा एक दिवसीय विशेष सत्र के दौरान सदन में बोलते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अब तक प्रदर्शन कर रहे 20 किसानों की मौत हो गई है. उन्होंने कहा, “मैं केंद्र सरकार से पूछना चाहता हूं कि वो कब जागेगी.”

गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों की महापंचायत

गाजीपुर बॉर्डर पर खापों की महापंचायत शुरू हो चुकी है. भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत भी गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंच चुके हैं. इस किसानों की महापंचायत में आगे की रणनीति का फैसला किया जाएगा. मंच पर किसान नेता नरेश टिकैत के साथ खाप पंचायत के मुखिया भी मौजूद हैं.

सिंघु बॉर्डर पर किसानों के लिए फ्री सैलून

दिल्ली: एक सैलून मालिक प्रदर्शनकारी किसानों को सिंघु बॉर्डर पर मुफ्त सेवाएं दे रहा है. सैलून के मालिक का कहना है, “कुरुक्षेत्र में मेरे सैलून के 90 फीसदी ग्राहक किसान हैं. मैंने वो बंद कर दिया है और किसानों का समर्थन करने के लिए यहां आया हूं. मैं विरोध प्रदर्शन जारी रहने तक उन्हें सेवाएं प्रदान करने के लिए यहां रहूंगा.”

बीजेपी मुख्यालय पहुंचे नेता

दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल किसानों के आंदोलन पर चर्चा के लिए पार्टी महासचिवों के साथ बैठक में भाग लेने के लिए बीजेपी मुख्यालय पहुंचे.

‘सरकार के साथ बातचीत को लाइव दिखाया जाए’

दिल्ली: टीकरी बॉर्डर (हरियाणा-दिल्ली बॉर्डर) पर विरोध कर रहे किसानों का कहना है कि वे सरकार के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन आंदोलन नहीं छोड़ेंगे. एक किसान का कहना है, “हम बातचीत के और दौरों के लिए तैयार हैं. सरकार अब सुप्रीम कोर्ट की मदद ले रही है, ताकि उनके अहंकार को चोट न पहुंचे. टेबल की बातचीत को लाइव दिखाया जाए.

बीजेपी मुख्यालय पर हाई लेवल मीटिंग

बीजेपी मुख्यालय में महत्वपूर्ण बैठक. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर बीजेपी दफ्तर पहुंचे. बीजेपी के महासचिवों के साथ कर रहे है बैठक. गृह मंत्री अमित शाह भी बैठक में करेंगे शिरकत.

पुलिस रास्ता बंद करती है हम नहीं- टिकैत

सुप्रीम कोर्ट में आज हुई सुनवाई पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा, “हम कभी रास्ता बंद नहीं करते, पुलिस रास्ता बंद करती है. वे(केंद्र सरकार) बुलाएंगे तो हम जाएंगे (बातचीत के लिए). उन्होंने कहा कि हम अपनी पंचायत में भविष्य के कार्यों पर चर्चा करेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने सही कहा कि इस मुद्दे को जल्द हल किया जाना चाहिए. सरकार संशोधन चाहती है, जबकि हम चाहते हैं कि वे कृषि कानूनों को वापस लें.

टीकरी बॉर्डर पर किसान की मौत

नए कृषि कानूनों के खिलाफ टीकरी बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहा 38 वर्षीय एक किसान गुरुवार की सुबह मृत मिला. भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्राहन) के नेता शिंगारा सिंह के अनुसार बठिंडा जिले के तुंगवाली गांव के जय सिंह और उनके भाई केन्द्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले कई दिनों से हरियाणा-दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे थे. हरियाणा के बहादुरगढ़ पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि जय सिंह आज सुबह मृत मिले. मौत का उचित कारण पोस्टमार्टम के बाद ही पता चल पाएगा.अधिकारी ने बताया कि सिंह के भाई को उन्हें दिल का दौरा पड़ने का संदेह है. शव को झज्जर जिले के बहादुरगढ़ के एक सरकारी अस्पताल में भेजा गया है. शिंगारा सिंह ने मृतक के परिवार को 10 लाख रुपये बतौर मुआवजा देने और जय सिंह के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की है.

गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों की खाप पंचायत

भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेंद्र टिकैत और नरेश टिकैत गाजीपुर बॉर्डर नेशनल हाई-वे 24 पर किसानों के बीच पहुंचे. आज भारतीय किसान यूनियन की तरफ से खाप पंचायत बुलाई गई है.

कोर्ट का सुझाव, फिलहाल लागू ना हों कानून

सीजेआई ने कहा कि अटॉर्नी जनरल अगर यह आश्वासन दें कि आप कानून अभी नहीं लागू कर रहे हैं और कोई कार्यकारी कदम नहीं उठाया जाएगा तो हम इसमें समिति गठित कर आगे कदम बढ़ाएं. हम कानून पर रोक लगाने कि बात नहीं कर रहे हैं. इसपर अटॉर्नी ने कहा मैं यह आश्वासन नहीं दे सकता. अटॉर्नी ने कहा कि हम सरकार से बातचीत कर कोर्ट को बताएंगे. इसपर सीजेआई ने कहा कि फिलहाल किसान संघों को याचिकाकर्ता अपनी याचिका प्रेषित करें. जरूरत पड़े तो शीतकालीन पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आ सकते हैं.

सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई की अहम बातें

-शांतिपूर्ण प्रदर्शन किसानों का हक है, कानून के खिलाफ प्रदर्शन उनका अधिकार
-प्रदर्शन से किसी को परेशानी नहीं होनी चाहिए.
-कोर्ट बस यह चाहता है कि किसान अपने प्रदर्शन का तरीका बदलें
-हम विवाद को सुलझाने के लिए कमेटी बनाएंगे, पी साईनाथ का नाम सुझाया

ब्रेके के बाद 2.30 बजे फिर होगी सुनवाई

सीजेआई ने कहा कि अटॉर्नी जनरल अगर यह आश्वासन दें कि आप कानून अभी नहीं लागू कर रहे हैं और कोई कार्यकारी कदम नहीं उठाया जाएगा तो हम इसमें समिति गठित कर आगे कदम बढ़ाएं. हम कानून पर रोक लगाने कि बात नहीं कर रहे हैं. इसपर अटॉर्नी ने कहा मैं यह आश्वासन नहीं दे सकता. सीजेआई ने कहा मामले को अब दोपहर में 2.30 बजे सुनेंगे.

हरीश साल्वे की मांग – दो भागों में हो केस का बंटवारा

प्रदर्शन के खिलाफ पेश हुए हरीश साल्वे ने कहा कि केस को दो हिस्सों में बांटकर सुना जाना चाहिए. पहले हिस्से में सड़क पर प्रदर्शन और दूसरे में कानूनों की वैधता को रखा जाए. इससे पहले सीजेआई ने अटॉर्नी जनरल और एसजी से पूछा कि क्या हमारा समिति गठित करना उचित रहेगा. इसपर अटॉर्नी जनरल ने कहा कि सभी पक्षों को शामिल कर चर्चा की जा सकती है. फिर सीजेआई ने कहा कि सभी पक्षों के समिति गठित करने पर जवाब देने के बाद सुनवाई दूसरी पीठ छुट्टियों के दौरान कर सकती है. सीजेआई ने कहा कि हम कोई भी आदेश इस मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद ही जारी करेंगे.

चिदंबरम से CJI ने पूछा – हिंसा नहीं होगी, इसकी गारंटी कौन लेगा

सीजेआई ने कहा – मिस्टर चिदंबरम कौन गारंटी लेगा कि हिंसा नहीं होगी. कोर्ट इसपर कुछ नहीं कह सकता. इसकी जानकारी देना इंटेलिजेंस का काम है, जिसपर पुलिस काम करेगी.

चिदंबरम (पंजाब की तरफ से पेश) – यह कोई हिंसक भीड़ नहीं है. किसानों के ग्रुप हैं. रोडों को पुलिस ने ब्लॉक किया है, वह किसानों पर इसका आरोप नहीं डाल सकते.

सीजेआई – किसानों के रोड ब्लॉक करने से दिल्ली में लोगों को परेशानी हो रही है. हम आपके अधिकार में हस्तक्षेप नहीं करना चाहते. आप चर्चा करें और निष्कर्ष पर पहुंचे.

एपी सिंह (भारतीय किसान यूनियन की तरफ से पेश) – सरकार हमें रामलीला मैदान मुहैया करा दे. हमें तो पुलिस ने रोका हुआ है. निष्कर्ष निकल सकता है.

सीजेआई – हम किसानों के प्रति संवेदनशील हैं. हम चाहते हैं कि आप बताएं कि समिति में कौन शामिल होगा.

एपी सिंह – हमारे पास सूची है जो बॉर्डर पर किसान संघ है. वही समिति में शामिल होंगे.

दिल्ली सरकार के वकील ने क्या कहा

राहुल मेहरा – दिल्ली सरकार की तरफ से बंद रोड पर आपत्ति नहीं जताई गई है. सारे रोड बंद नहीं है. दिल्ली साल्वे की याचिका में पार्टी नहीं है.
सॉलिस्टर जनरल तुषार मेहता – हमें दिल्ली-केंद्र की राजनीति में नहीं पड़ना. हमें समाधान चाहिए. हम एफिडेविट से हर चीज दाखिल कर देंगे.
पंजाब की तरफ से पेश चिदंबरम – किसान और सरकार की बात चल रही है. हम भी सहयोग को तैयार हैं. पंजाब को कोर्ट की तरफ से कमेटी बनाने पर ऐतराज नहीं है.

तुषार मेहता ने दी बॉर्डर बंद की जानकारी

-चीफ जस्टिस ने कहा कि उन्होंने सिर्फ एक तरफ से रोड बंद की हुई है
-तुषार मेहता – टीकरी और सिंघु बॉर्डर बंद हैं
-CJI- इसका ये मतलब नहीं दिल्ली ही बंद हो गई

सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई की अहम बातें

-शांतिपूर्ण प्रदर्शन किसानों का हक है, कानून के खिलाफ प्रदर्शन उनका अधिकार
-प्रदर्शन से किसी को परेशानी नहीं होनी चाहिए.
-हम विवाद को सुलझाने के लिए कमेटी बनाएंगे, पी साईनाथ का नाम सुझाया

केंद्र और किसान मिलकर परेशानी को दूर करें: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट की तरफ से कहा गया है कि केंद्र और किसान मिलकर आम जनता को हो रही परेशानी को दूर करें. सीजेआई ने कहा यह प्रदर्शन पूरी तरह से सही है, क्योंकि किसी भी संपत्ति का नुकसान नहीं किया गया है. इस प्रदर्शन के निहितार्थ हैं. यही वजह है कि हमने एक स्वायत्त समिति बनाने को कल कहा था. कोर्ट ने कहा कि हम किसानों से यह नहीं कहेंगे कि वह पहले आशंका के आधार पर नुकसान कि भरपाई करें.

सुप्रीम कोर्ट बोला – हम किसानों को नहीं रोकेंगे

साल्वे की दलीलों पर सुप्रीम कोर्ट की तरफ से CJI ने कहा कि किसानों को प्रदर्शन का अधिकार है और हम उनको ऐसा करने से नहीं रोकेंगे. कोर्ट ने कहा कि हमें इसका जरूर ध्यान रखना होगा कि उनकी (किसानों) वजह से किसी की जान पर ना बन आए.

सुप्रीम कोर्ट बोला – प्रदर्शन किसानों का अधिकार

साल्वे ने कहा कि लोग यूपी से हरियाणा नौकरी को जाते हैं और पिछले 20-21 दिन से लोग परेशान हो रहे हैं. इसपर सीजेआई ने कहा कि साल्वे हम आपकी बात से सहमत हैं. लेकिन प्रदर्शन किसानों का अधिकार है. इसपर सीजेआई ने पूछा आखिर किस तरह से किसान लोगों के अधिकार का उल्लंघन कर रहे हैं. इसपर साल्वे ने कहा कि सरकार को टैक्स देने वाले लोगों को परेशानी हो रही है. मान लीजिए सार्वजनिक संपत्ति का नुकसान होता है तो भरपाई कौन करेगा.

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर क्या बोले चीफ जस्टिससी

जेआई ने कहा कि हम पहले ही यह साफ कर चुके हैं कि प्रदर्शन मौलिक अधिकार है. लेकिन दूसरे अधिकारों से कैसे संतुलन बनाया जाए ये देखना होगा. साल्वे ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का ये मतलब नहीं कि दूसरों के अधिकार का हनन किया जाए. इस मामले में बिल्कुल ऐसा ही है.

साल्वे बोले- मैं याचिकाकर्ता रिषभ की तरफ से पेश हुआ हूं

साल्वे ने कहा कि मैं याचिकाकर्ता रिषभ कि ओर से पेश हो रहा हूं. वह दिल्ली के रहने वाले हैं और बॉर्डर पर किसानों से बैठने कि वजह से प्रभावित हैं और चीजों के दाम इस वजह से बढ़ रहे हैं. दिल्ली के लोग प्रभावित हो रहे हैं, क्योंकि आवाजाही में परेशानी हो रही है.

किसानों के मुद्दे पर सुनवाई

शुरूसुनवाई में सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता और हरीश साल्वे सरकार कि ओर से पेश हुए. अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल भी वहां थे. वहीं पंजाब सरकार के लिए पी.चिदंबरम पेश हुए.

किसान नेता बोले – मीडिया से मिली सुप्रीम कोर्ट के आदेश की जानकारी

जम्हूरी किसान सभा (पंजाब, हरियाणा और जम्मू कश्मीर) के प्रधान सतनाम सिंह कहा हमें सिर्फ मीडिया से पता चला कि हमें किसानों के प्रतिनिधित्व का हिस्सा बनाया गया है. हमारे पास कोई लिखित नोटिस नहीं है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शनकारी किसानों को हटाने की मांग वाली याचिकाओं में आठ किसान यूनियनों को पार्टी बनाने की अनुमति दी है. इसमें भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू – राकेश टिकैत), बीकेयू-सिद्धपुर (जगजीत एस. डंगवाल), बीकेयू-राजेवाल (बलबीर सिंह राजेवाल), बीकेयू-लखोवाल (हरिंदर सिंह लखोवाल), जम्हूरी किसान सभा (कुलवंत सिंह संधू), बीकेयू-दकौंडा (बूटा सिंह बुर्जगिल), बीकेयू – दोआबा (मान सिंह सिंह) और कुल हिंद किसान महासंघ (प्रेम सिंह भंगू) संगठनों का नाम शामिल है.

कल मध्य प्रदेश के किसानों को संबोधित करेंगे पीएम मोदी

किसानों के प्रदर्शन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल यानी शुक्रवार को 2 बजे मध्य प्रदेश के किसानों को वर्चुअल संबोधित करेंगे. इसमें बीते दिनों में हुई बारिश, ओला पाला और अन्य कारणों से फसलों को हुए नुकसान के मुआवजे की राहत राशि बांटी जाएगी. इसमें 1600 करोड़ रुपए की राहत राशि 35 लाख किसानों के खातों में ट्रांसफर की जाएगी.

वकीलों की तरफ से पेश होंगे प्रशांत भूषण और दुष्यंत दवे

सुप्रीम कोर्ट में आज विनीत पारिख, प्रशांत भूषण, कॉलिन गोंसाल्वेस और दुष्यंत दवे किसानों की तरफ से पेश होंगे. कोर्ट विवाद सुलझाने के लिए कमेटी निर्माण पर कुछ ऐलान कर सकता है.

संत राम सिंह सुसाइड केस में पुलिस के हाथ अभी तक खाली

जिस पिस्टल से संत ने खुद को गोली मारी वो अभी तक बरामद नहीं हुई. जिस गाड़ी में संत राम सिंह ने खुदकुशी की उसे उनके समर्थक खुद ड्राइव कर करनाल ले गए. जिस स्पॉट पर संत ने खुद को गोली मारी उसको लेकर भी अभी तक कुंडली पुलिस कंफ्यूज है.

CAIT का केंद्रीय मंत्रियों को पत्र

कन्फ्रेड्रेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल को पत्र लिखा. कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा किसानों का मुद्दा सुलझाने के लिए जो कमेटी बनाने की बात कही गई है उसमें उनका भी प्रतिनिधित्व होना चाहिए.

किसानों को हटाने वाली अर्जी हाई कोर्ट में खारिज

दिल्ली हाई कोर्ट ने आज किसान प्रदर्शन से जुड़ी एक याचिका को खारिज कर दिया. कहा गया कि मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में है.

किसान नेता बोले- नहीं मिला सुप्रीम कोर्ट का नोटिस

भारतीय किसान यूनियन के एमएस राय ने कहा कि हममें सुप्रीम कोर्ट की तरफ से कोई नोटिस नहीं मिला है. जब भी कोई नोटिस मिलेगा तब सब किसान यूनियन के नेता बातचीत करके कोई फैसला लेंगे. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई में 8 किसान नेताओं को शामिल करने की भी बात कही थी.

सिंघु बॉर्डर की ताजा तस्वीरें

सिंघु बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने बढ़ती ठंड से बचने के लिए गैस हीटर लगाए हैं. एक प्रदर्शनकारी ने बताया, “लोग लकड़ी जलाकर अपना काम चला रहे हैं. किसान नेताओं ने कुछ हीटर मंगाए हैं लेकिन ये गैस से चलते हैं, इनमें खर्चा है.”

संत बाबा राम सिंह का पोस्टमॉर्टम पूरा, कल अंतिम संस्कार

संत बाबा राम सिंह जिन्होंने किसानों के दुख से दुखी होकर आत्महत्या कर ली थी, उनका पोस्टमार्टम करनाल में पूरा हो गया है. कल यानी 18 दिसंबर को उनका अंतिम संस्कार होगा.

बाबा राम सिंह को गाजीपुर बॉर्डर पर दी जाएगी श्रद्धांजलि

करनाल वाले बाबा राम सिंह को गाजीपुर बॉर्डर पर किसान श्रद्धांजलि देंगे. सिंघु बार्डर के प्रदर्शन में शामिल रहे संत बाबा राम सिंह ने गोली मारकर खुद की जान ले ली थी. सुसाइड नोट में उन्होंने लिखा था कि वह किसानों की स्थिति देखकर दुखी थे.

टिकरी बॉर्डर की ताजा तस्वीरें

कृषि कानूनों के खिलाफ टिकरी बॉर्डर पर किसान प्रदर्शनकारी डटे हुए हैं। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “हमने सरकार से ये कानून नहीं मांगे थे, हम सरकार से मांगते हैं कि हमारी फसल का दाम बढ़ाओ, वो बढ़ाते नहीं हैं।”

कौन थे किसानों का दुख देख जाने देने वाले संत बाबा राम सिंह?

दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन (Farmers Protest) ने बुधवार को अचानक एक नया मोड़ ले लिया. कथित रूप से किसानों की स्थिति को देखकर दुखी एक जाने-पहचाने संत ने सुसाइड कर लिया. सिंघु बॉर्डर पर धरने में शामिल जिस संत ने गोली मारकर अपनी जान ली उनका नाम संत बाबा राम सिंह (Sant Baba Ram singh) है. 65 वर्षीय बाबा राम सिंह हरियाणा के करनाल के रहने वाले थे. बताया जाता है कि हरियाणा और पंजाब के अलावा दुनियाभर में उनके लाखों की संख्या में अनुयायी हैं. वो कई सिख संगठनों में अलग-अलग पदों पर रह चुके हैं

किसान प्रदर्शन स्थल पर बस गया है नया शहर!

सिंघु बॉर्डर पर नया शहर ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि यहां 10 से 15 किलोमीटर तक किसानों का डेरा है. मंच से आते जाते किसानों की थकान उतारने के लिए कई जगह मसाज सेंटर बनाए गए हैं. सिंघु बॉर्डर पर पांव को मसाज देने के लिए भी खालसा ऐड की तरफ से एक मसाज सेंटर बनाया गया हैं, जिसमें 20 फुट मसाज कुर्सियां लगी हैं.

हरियाणा के कौन से बॉर्डर खुले

जानिएहरियाणा के लिए झरोदा (केवल सिंगल रोड), दौराला, कापसहेड़ा, बडुसराय, राजोकरी एनएच 8, बिजवासन/बजघेरा, पालम विहार और डूंडाहेड़ा बॉर्डर खुले हैं.

गाजीपुर बॉर्डर बंद

किसान आंदोलन की वजह से गाजीपुर बॉर्डर को फिलहाल गाजियाबाद से दिल्ली की तरफ आने वाले ट्रैफिक के लिए बंद रखा गया है. लोगों को दिल्ली आने के लिए आनंद विहार, डीएनडी, चिल्ला, अपसरा और भोपुरा बॉर्डर लेने को कहा गया है.

सिंघु-टीकरी बॉर्डर बंद

सिंघु, औचंदी, पियाउ मनियारी और मंगेश बॉर्डर बंद हैं. लोगों को लामपुर, सफियाबाद, सबोली और सिंघु स्कूल टोल टैक्स बॉर्डर के माध्यम से वैकल्पिक मार्ग लेने की सलाह दी गई है. मुकरबा और जीटीके रोड से ट्रैफिक डायवर्ट किया गया है. बाहरी रिंग रोड, जीटीके रोड और नेशनल हाईवे 44 से बचने को कहा गया है. वहीं टीकरी और धनसा बॉर्डर किसी भी ट्रैफिक मूवमेंट के लिए बंद हैं. वहीं झटीकरा बॉर्डर केवल दो पहिया और पैदल चलने वालों के लिए खुला है.

ये आठ किसान नेता सुप्रीम कोर्ट में रखेंगे पक्ष

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शनकारी किसानों को हटाने की मांग वाली याचिकाओं में आठ किसान यूनियनों को पार्टी बनाने की अनुमति दी. इसमें भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू – राकेश टिकैत), बीकेयू-सिद्धपुर (जगजीत एस. डंगवाल), बीकेयू-राजेवाल (बलबीर सिंह राजेवाल), बीकेयू-लखोवाल (हरिंदर सिंह लखोवाल), जम्हूरी किसान सभा (कुलवंत सिंह संधू), बीकेयू-दकौंडा (बूटा सिंह बुर्जगिल), बीकेयू – दोआबा (मान सिंह सिंह) और कुल हिंद किसान महासंघ (प्रेम सिंह भंगू) संगठनों का नाम शामिल है.

किसान आंदोलन का आज 22वां दिन

कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे प्रदर्शन (Delhi Farmers Protest) का आज 22वां दिन है. आज सुप्रीम कोर्ट में इस मसले पर सुनवाई होनी है. कल एक संत राम सिंह की वजह से आंदोलन और ज्यादा चर्चा में आ गया है. राम सिंह के पास से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ, जिसमें लिखा था कि बाबा ने किसानों की पीड़ा को देखते हुए खुद को गोली मार कर आत्महत्या की है.

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