मध्य प्रदेश: किराना व्यापारियों से ठगी करने वाला अंर्तराज्यीय ठग गिरफ्तार

सीहोर जिले में किराना व्यापारियों से ठगी करने वाला अंर्तराज्यीय ठग कोतवाली पुलिस की गिरफ्त में आया है। आरोपी ठग रेलवे का सप्लायर बनकर ठगी की घटना को अंजाम देता था। अजय कुमार चाण्डक की स्टेशन रोड सीहोर स्थित किराने की थोक विक्रय की दुकान में 27 अगस्त को एक व्यक्ति एक कार लेकर उनकी दुकान पर आया, जिसने उन्हें अपना नाम राम सिंघानिया बताया था और अपने आप को रेलवे का सप्लायर बताकर परिचय दिया था।

बता दें कि राम सिंघानिया नामक इस व्यक्ति ने अजय चाण्डक की दुकान से तेल, शुद्ध घी, चाय और मशाले खरीदे, जिनकी कीमत लगभग 1 लाख 25 हजार रुपये थी। सिंघानिया ने अजय चाण्डक को अपने एक वैयर हाउस के उद्घाटन का निमंत्रण पत्र भी दिया, मुरली रोड पर स्थित एक दुकान को अपना अस्थाई वैयर हाउस बताकर दिखाया, जिस पर सिंघानिया ट्रेडर्स का बैनर लगा था। उसी दिन उसने खरीदे गए माल की डिलीवरी इस वैयर हाउस में करवा ली और 27 अगस्त को शनिवार का दिन होने के कारण उसने बैंक बंद होने का बहाना बनाकर अजय चाण्डक को नकद रुपये देने में असमर्थता जताकर उसे अपने झांसे में लेकर फेडरल बैंक के दो चेक दे दिए।

अजय चाण्डक ने जब सोमवार को उन चेक को बैंक में लगाया तो बैंक से उन चेकों के फर्जी होने की जानकारी मिली। मुरली रोड स्थित वैयर हाउस पर जाकर पता करने पर राम सिंघानिया वहां नहीं मिला और न ही वहां चाण्डक की ओर से भेजा गया माल था। सिंघानिया की ओर से अजय चाण्डक को दिया गया मोबाइल नंबर भी बंद आ रहा था। उसी दिन ठीक इसी प्रकार की ठगी इस व्यक्ति ने श्रीनिधी एजेंसी नेहरु कालोनी सीहोर में भी की और उनसे भी करीब 50 हजार रुपये के मशाले खरीदकर उन्हें भी फर्जी चेक थमा दिए थे। 

अजय कुमार चाण्डक ने अपने साथ ठगी होने की वारदात की सूचना कोतवाली सीहोर में दर्ज कराई और इस संबंध में पुलिस अधीक्षक सीहोर से भी व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की। सूचना पर पुलिस अधीक्षक सीहोर मयंक अवस्थी ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सीहोर गितेश गर्ग और नगर पुलिस अधीक्षक सीहोर निरंजन सिंह राजपूत के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी कोतवाली सीहोर नलिन बुधौलिया के नेतृत्व में इस ठगी की वारदात का पता लगाने के लिए एक टीम का गठन किया।

पुलिस टीम ने जब वारदात की पड़ताल की तो जानकारी मिली कि राम सिंघानिया नामक व्यक्ति ने 24 अगस्त की रात को सीहोर आकर रॉयल होटल गंगा आश्रम सीहोर में रुका था और उसने वैष्णवी ट्रैवल्स बस स्टैण्ड सीहोर से एक स्विफ्ट डिजायर कार किराए पर ली थी, जिससे वह ठगी की वारदात को अंजाम देने के लिए सीहोर में घूम रहा था। राम सिंघानिया नामक इस व्यक्ति ने बाल विहार ग्राउण्ड से एक मजदूर को झांसे में लेकर उसे नौकरी का लालच दिया और उसी के नाम से एक फर्जी मोबाइल सिम खरीदी और फेडरल बैंक सीहोर में एक खाता खुलवाया, जिसकी पास बुक और एटीएम उसने उसी मजदूर को दे दी और चेक बुक अपने पास रख ली थी।

घटना के बाद जब पुलिस टीम ने पूरे शहर के सीसीटीवी फुटेज खंगाले तो सामने आया कि 27 अगस्त शाम को राम सिंघानिया एक लोडिंग आटो में पूरा माल भरकर भोपाल के लिए रवाना हुआ है। ठग ने भोपाल में भी रास्ते में एक जगह एक दूसरे लोडिंग आटो में माल पलटी करवाया और आईएसबीटी बस स्टैण्ड भोपाल से नागपुर जाने वाली वर्मा ट्रैवल्स की बस में पूरा माल रखवाकर नागपुर पहुंचा। बस की टिकिट और माल की बिल्टी में उसने अपना नाम कृष्णा लिखवाया। नागपुर में गणेश पीठ स्थित बस स्टैण्ड पहुंचकर यह ठग वहां से पूरा माल एक बिना नंबर की लोडिंग आटो में भरकर निकला और रास्ते में रायपुर जाने वाली महिन्द्रा ट्रैवल्स की बस में पूरा सामान रखवाकर उसी बस से रायपुर पहुंचा। रायपुर पहुंचकर यह ठग एक सवारी आटो से पूरा माल लेकर रवाना हुआ और उसके बाद फिर कहीं नजर नहीं आया।

सीहोर पुलिस टीम की ओर से रायपुर, नागपुर और भोपाल तथा सीहोर में ठग की मिली लोकेशन के आधार पर तकनीकी सहायता प्राप्त कर एक संदिग्ध मोबाइल नंबर का पता लगाया, जिसका विश्लेषण करने पर एक ऐसा मोबाइल नंबर पुलिस टीम के हाथ लगा जो यकीनी तौर पर इसी ठग ने इस्तेमाल किया था। इस मोबाइल नंबर की लोकेशन और सिम धारक के पते के आधार पर जब पुलिस ने तहकीकात शुरू की तो बिलासपुर, छत्तीसगढ़ के हेमू नगर कालोनी से पुलिस ने इस ठग को गिरफ्तार कर लिया, जिसने अपना असली नाम विराज अग्रवाल (44) पिता सुभाष अग्रवाल निवासी हेमू नगर मुर्रा भाटा रोड बिलासपुर (छत्तीसगढ़) बताया तथा बमुश्किल अपना जुर्म कुबूल किया। ठग के पास से पुलिस की ओर से पूरा माल बरामद कर जब्त कर लिया है, जिसकी कीमत लगभग दो लाख रुपये है।

विराज अग्रवाल की ओर से पूरे देश में कई जगहों पर इसी प्रकार से ठगी की अन्य वारदातें करना भी कुबूल किया है। इसने उज्जैन (मध्यप्रदेश), वर्धा (महाराष्ट्र), मथूरा (उत्तर प्रदेश) और सीकर (राजस्थान) तथा कई अन्य शहरों में ठीक इसी प्रकार की कार्यप्रणाली का उपयोग कर ठगी करना बताया है। इन स्थानों पर भी विराज अग्रवाल ने अपना फर्जी नाम बताते  हुए अपने आप को रेलवे का सप्लायर बताकर अपने वैयर हाउस के उद्घाटन का निमंत्रण पत्र देकर मजदूरों के नाम की फर्जी सिम लेकर उन्हीं के नाम पर बैंक में खाता खुलवाकर, उन्हीं बैंक खातों के चेक अपने शिकार व्यापारियों को देकर ठगी की वारदाते की हैं। इन शहरों से भी पुलिस विराज अग्रवाल से पूछताछ करने सीहोर आ रही है।

विराज अग्रवाल इतना शातिर ठग है कि उसने बड़ी सफाई से अपने शिकार व्यापारियों को विश्वास में लिया था, जिससे उन्हें उसके ठग होने की जरा सी भी भनक नहीं लग सकी थी। घटना को अंजाम देने के पहले और बाद में कोई भी ऐसा सबूत नहीं छोड़ा था, जिससे उस तक पहुंचना आसान हो। रॉयल होटल जहां वह सीहोर में रूका था, वहां उसने अरुण कुमार निवासी अमृतसर नामक व्यक्ति की आईडी जमा की थी। अलग-अलग बस, जिसमें उसने भोपाल से रायपुर तक सफर किया, सभी में उसने अपने भिन्न-भिन्न नाम लिखवाए थे। जो मोबाइल फोन वह सीहोर में इस्तेमाल कर रहा था, वह भी उसने एक मजदूर के नाम पर लिया था, जिसे घटना के बाद तोड़कर फेक दिया था।

विराज अग्रवाल ने अब तक जहां-जहां भी ठगी की वारदातो को अंजाम दिया है वह शनिवार का ही दिन होता था या ऐसा दिन होता था, जिसके अगले दिन बैंक की छुट्टी हो। ताकि उसके द्वारा दिए गए फर्जी चेक दूसरे दिन बैंक में न लग सके और उसे वह शहर छोड़कर सुरक्षित भागने का मौका मिल जाए। विराज अग्रवाल इतना शातिर ठग है कि पूरे देश के कई शहरों में ठगी की इतनी वारदातें करने के बाद भी आज तक पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा था, जिसे सीहोर कोतवाली पुलिस ने व्यवसायिक दक्षता से गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की।

इस ठगी की वारदात का पर्दाफाश करने वाली पुलिस टीम में शामिल उप निरीक्षक कृष्णा मंडलोई, राकेश कुमार, देवेन्द्र चौहान, योगेश भावसार (सायबर सेल), प्रभारी आरक्षक सुशील साल्वे (सायबर सेल), आर. विक्रम सिंह रघूवंशी, आर. नेपाल वर्मा और आर. विष्णु भगवान को पुलिस अधीक्षक सीहोर ने पुरस्कृत करने की घोषणा की। 

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